
बिहार डेस्कः जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया की पाॅलिटिकल एंट्री पर सवाल उठने लगे हैं। जदयू ने कन्हैया के इस राजनीतिक प्रवेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि कन्हैया का छात्र जीवन प्रगतिशील आंदोलन से जुड़ा रहा, लेकिन लालू प्रसाद यादव के समर्थन के साथ उनकी राजनीति में एंट्री दुर्भाग्यपूर्ण है। वामपंथी तो जीवन भर भ्रष्टाचार व परिवारवाद के खिलाफ लड़ते रहे हैं।हालांकि, कन्हैया ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल कुछ भी तय नहीं है। उनके अनुसार अगर पार्टी टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, अभी ऐसी कोई बात नहीं है।कन्हैया बिहार के बेगूसराय जिला स्थित बरौनी प्रखंड अंतर्गत बिहट पंचायत के रहने वाले हैं। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन अध्यक्ष रहते हुए फरवरी 2016 में उनपर देशद्रोही नारेबाजी का आरोप लगा। उस मामल में वे गिरफ्तार किए गए थे। फिलहाल वे जमानत पर हैं। जमानत के बाद कन्हैया बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। वे लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं।बेगूसराय सीट, जिसपर कन्हैया के चुनाव लड़ने की चर्चा है, वामपंथियों के प्रभाव वाला माना जाता है। फिलहाल इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के भोला सिंह सांसद हैं।
