

जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने रविवार को बिहार के दरभंगा में हिंसा से प्रभवित परिवार से मिलकर उनका दुख-दर्द बांटा। उन्होंने पीड़ित परिवार को दस हजार रूपए की आर्थिक मदद भी किया। इस दौरान पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को निकम्मा बताते हुए कहा कि ईश्वर बस एक बार उन्हें बिहार में मौका दे तो 72 घंटे में अपराध और अपराधियों पर लगाम कस देंगे। पप्पू यादव इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने बिहार सरकार को फेल बताते हुए कहा कि राज्य में कड़े कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार बनी तो ज्यादातर जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और उसमें जिसकी भी तस्वीर समाज की एकता और शांति को भंग करते हुए दिखेगी, तीन महीने के अंदर उसे सभी तरह के सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा उसकी बिहार से भी नागरिकता खत्म कर दी जाएगी।
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पप्पू यादव ने चुनाव आयोग के ज्ञान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिहार में कोरोना महामारी में विधानसभा का चुनाव नहीं होना चाहिए। संकट की स्थिति में पूर्व में कई चुनावों को रद्द किया गया है फिर इस बार चुनाव की इतनी जल्दी क्यों। उन्होंने कहा कि खुद सरकार ने कोविड 19 पर नए कानून बनाए हैं ताकि कोरोना से लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या बिहार में कोरोना समाप्त हो गया है। अगर नहीं तो फिर नए कानून के अनुसार चुनाव कैसे हो सकता है। अगर विधानसभा चुनाव कराना इतना ही जरूरी है तो पहले कोविड 19 के बने नए कानून को हटाना चाहिए। इसलिए यह दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकती। पप्पू यादव ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना जनतंत्र के साथ मजाक और लोकत्रंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते कहा कि राष्ट्रपति शासन में नीतीश कुमार को निकलने में परेशानी होगी इसलिए वो चुनाव के लिए बेचैन हैं।