

ये सिसौनी शंकर लोहार का मुख्य पथ है जिसकी दुर्दशा फ़ोटो बयान कर रही है। यह सड़क इस क्षेत्र के करीब दो लाख लोगों के लिये लाइफ लाइन का काम करती है। सिसौनी से जिला मुख्यालय दरभंगा तक जाने के लिए यह एक मात्र सड़क है जिससे न सिर्फ आम लोग बल्कि बीमार पड़े लोग समेत आलाधिकारी भी अक्सर गुजरते हैं लेकिन सड़क की दुर्दशा की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। यह सड़क पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट के अधीन है और इसकी वह दुर्दशा है कि प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला हो या अन्य किसी बीमारी से जूझते हुए बीमार लोग, इस सड़क से जाने के नाम पर ही रूह कांप उठती है। यह सड़क हर पल हर कदम पर एक अनहोनी को दावत देती दिखाई देती है।
अनहोनी को दावत की सिर्फ बात करें तो यह बेमानी साबित होगी क्योंकि इस सड़क पर प्रायः प्रतिदिन कुछ न कुछ दुर्घटना घटते रहती है पर जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों की उदासीनता के आगे सब मानो बेबस है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस सड़क पर किसी वाहन की बात ही दूर पैदल चलना भी मौत को न्योता देने के बराबर है। सड़क की इस भयावह दुर्दशा की वजह से आम आदमी कभी जनप्रतिनिधि की बाट जोहते हैं तो कभी अधिकारियों की लेकिन उनकी उदासीनता लोगों के समझ से परे है। लोगों का कहना है कि 1977 के बाद इस सड़क पर कोई कार्य नहीं की गई। लोगों ने बताया कि अब तक इस क्षेत्र से 3 विधायक और एक सांसद भी बने लेकिन उन्होंने सिवाय सांत्वना के और कुछ नहीं दिया।
स्थानीय लोगों की मानें तो अब इस सड़क पर अतिक्रमण भी शुरू हो गया है। लोगों ने बताया कि जानकारी के मुताबिक भविष्य को देखते हुए सरकार के अधीन साठ फीट जमीन है लेकिन अतिक्रमण की वजह से अब यह बमुश्किल 10 फीट ही बची है। लोगों का कहना है कि 1977 से अब तक तो अब बर्दास्त कर लिया लेकिन अब और नहीं। अब सारे जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार होगा और जनांदोलन भी किया जाएगा। रोड नहीं तो वोट नहीं नारा होगा और जनप्रतिनिधियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जायेगा।