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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना संक्रमण पर चर्चा की। प्रधानमंत्री के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली और उन्हें जरूरी सलाह भी दिया। इस दौरान कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए दवाओं और उपकरण की मांग नीतीश कुमार ने पीएम के सामने रखी। सीएम ने कहा कि बिहार की ओर से जो डिमांड की गई है, उसकी दस फीसदी दवाएं और उपकरण अब तक प्रदेश को नहीं मिले हैं। इसलिए केंद्र सरकार इसकी उपलब्धता जल्द कराए।
मांगे गए पांच लाख पीपीई किट लेकिन मिले चार हजार
सीएम ने पीएम से ये भी कहा कि पांच लाख पीपीई किट की हमलोगों ने मांग की है, अभी तक चार हजार ही मिल पाया है। इसके साथ ही 10 लाख एन- 95 मास्क की हमलोगों ने मांग की है, जिसमें से अभी तक 50 हजार ही मिल पाया है। 10 लाख सी प्लाई मास्क की मांग की गई है, जिसमें से अभी तक एक लाख मिल पाया है। 10 हजार आरएनए एक्सट्रैक्शन किट की मांग की गयी है, जिसमें से अभी तक 250 ही मिल पाया है। हमलोग कम से कम 100 वेंटिलेटर चाहते हैं, अभी तक ये उपलब्ध नहीं हो पाया है। इन सब चीजों की उपलब्धता से संक्रमित लोगों के इलाज में सहुलियत होगी।
समस्या से भी कराया अवगत
नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडॉउन के बीच कुछ दिन समस्या आई थी, क्योंकि इस दौरान भी दिल्ली से लोगों को भेज दिया गया था, जो लोग बिहार आए उनको घरों तक पहुंचाया गया। उनके लिए अलग रहने, भोजन, चिकित्सा आदि का प्रबंध भी किया गया। उन लोगों के लिए जितना कुछ किया जा सकता है, हमलोग कर रहे हैं।
पीएम को दिया कोरोना अपडेट
सीएन ने पीएम से कहा कि अब तक बिहार में 25 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। दो लोग कोरोना वायरस से ठीक हुए हैं। एक व्यक्ति की जो मौत कोरोना वायरस से हुई थी, उनकी मृत्यु के बाद कोरोना वायरस की रिपोर्ट आई। इसके कारण कई लोगों में फैल गया। उन्होंने कहा कि मृतक के घर और अस्पताल से संपर्क में आए 11 लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हो गए। इस तरह 25 में 12 कोरोना वायरस के मामले एक व्यक्ति के चलते फैल गया। इसके बाद हमलोगों ने इससे संबंधित एक-एक चीज का परीक्षण करवाया, ताकि कोई व्यक्ति जांच से न छूटे। विदेश से बिहार आए सभी लोगों पर हमलोग ध्यान दे रहे हैं, उन सभी लोगों का टेस्ट भी करवा रहे हैं।
बाहर से आए लोगों पर विशेष ध्यान
सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से बिहार आए लोगों को स्थानीय स्तर पर चिन्हित किया गया है। ऐसे 1,74, 470 लोग हैं, जिनमें 12 हजार 51 विदेशी के रुप में देश के बाहर से आए हुए लोग शामिल हैं। सभी को हमलोगों ने होम क्वारेंटाइन में रखा है। खासकर विदेश से आए लोगों की जांच कराते जा रहे हैं। होम कोरेंटाइन की व्यवस्था हमलोगों ने गांव के स्तर पर भी किया है।
तबलीगी जमात के बारे में कहा
नीतीश कुमार ने तबलीगी जमात के बारे में कहा कि इसके चलते जो सबसे बड़ी समस्या आई है उसके बारे में हमलोगों ने पता किया है। तबलीगी जमात के 112 लोगों की सूचियां प्राप्त हुई हैं, जिसमें से बिहार के 12 लोगों को ट्रेस किया जा चुका है। इनमें से कई लोग बिहार के बाहर ठहरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 55 लोगों को ट्रेस करने में हमलोग लगे हुए हैं, ताकि उनकी जांच कराई जा सके। जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल की व्यवस्था हो, तो इसको लेकर हमलोगों ने नालंदा मेडिकल अस्पताल को कोरोना वायरस के इलाज के लिए सुनिश्चित कर दिया है।
कोरोना उन्मूलन कोष में ट्रांसफर की मांग
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हमलोगों ने अपने यहां काफी कुछ शुरु किया है, आपदा प्रबंधन का केंद्र कई जगहों पर बनवाया है और बिहार के बाहर भी कई जगहों पर कर रहे हैं। बिहार के अंदर रहनेवालों की हमलोग मदद कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के उन्मूलन के लिए कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया है, जिसके अंतर्गत एमएलए और एमएलसी एक साल में तीन करोड़ की राशि खर्च करने की अनुशंसा करते हैं, उसमें से कम से कम 50 लाख की राशि कोरोना उन्मूलन कोष में ट्रांसफर करा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर गृह मंत्रालय विचार करें कि राज्य के सांसद यदि मदद करना चाहते हैं, तो वे कोरोना उन्मूलन कोष में मदद करें। हमलोग गरीब राज्य होने के बावजूद आपदा प्रबंधन के माध्यम से जो भी प्रभावित है, उनकी मदद करते आ रहे हैं। कोरोना को आपदा मानते हुए इससे प्रभावित लोगों को आपदा पीड़ितों की तरह ही मदद कर रहे हैं। हमारी अपेक्षा है कि जागरुकता के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे। गांव के लोग भी सचेत हैं, जो बाहर से आए हैं, उनको अलग ठहराने में लगे हुए हैं।