
बिहार ब्रेकिंग-मंजेश कुमार

वर्षों से विवादित राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अलग जगह 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया वहीँ विवादित जमीन रामलला न्यास को दिया। कोर्ट ने सरकार को अयोध्या मामले पर तीन महीने के अंदर योजना बनाने का आदेश दिया। अपने फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आस्था और विश्वास के आधार पर कोई फैसला नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि पुरातत्व, धर्म और इतिहास जरुरी लेकिन ये कानून से ऊपर नहीं। मस्जिद का ढांचा गिराना कानून तोड़ने के बराबर था। कोर्ट ने सुन्नी और सिया वक्फ बोर्ड के साथ ही निर्मोही अखाड़े के दावा को भी ख़ारिज कर दिया एव कहा कि जमीनी विवाद का निराकरण क़ानूनी आधार पर होगा।
कोर्ट ने एएसआई के रिपोर्ट को महत्वपूर्ण मानते हुए माना कि मस्जिद खाली जगह पर नहीं बनी, मस्जिद के गुम्बद के निचे मंदिर का आधार था। लेकिन कोर्ट ने ये भी कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मन्दिर तोड़ कर मस्जिद बनाया गया था। कोर्ट ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि गुंबद के निचे रामजन्मभूमि है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि अयोध्या ही रामजन्मभूमि है। कोर्ट ने विदेशी लेखों को भी आधार मानते हुए कहा कि 18वीं सदी तक नमाज का कोई कोई रिकॉर्ड नहीं है। कोर्ट ने यह कहा कि मुस्लिम इस जमीन पर अपना अधिकार साबित नहीं कर सकी। साथ ही कोर्ट ने यह माना कि अयोध्या में सीता रसोई, सिंहद्वार और वेदी का साबुत मिला है जबकि यह भी साफ है कि मस्जिद किसी खाली जगह पर नहीं बनाया गया था।