
सेंट्रल डेस्कः देश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एकसाथ होने की संभावनाओं पर विराम लग गया है। खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है। सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने निकट भविष्य में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की संभावना से साफ इंकार किया है। रावत ने कहा कि दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित किये जाने की जरूरत है। हाल के दिनों में ऐसी अटकलें थी कि इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान विधानसभाओं के कार्यकल क्रमशः पांच जनवरी, सात जनवरी, और 20 जनवरी 2019 को पूरा हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल किया गया था कि क्या लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराना संभव है। इसके जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा नहीं ऐसी कोई संभावना नहीं है।
