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मुजफ्फरपुर में बारिश के बाद एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला कम हुआ है, तो उधर गया में अज्ञात बीमारी से पीड़ित बच्चों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। जापानी इंसेफेलाइटिस होने की आशंका भी जताई जा रही है। गया में पहले भी जापानी इंसेफेलाइटिस कहर बड़पा चुका है। गया में गुरुवार को भी अज्ञात बीमारी से एक बच्चे की मौत हो गईम अज्ञात बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई हैम इस बीमारी को बिहार में दिमागी बुखार और चमकी बुखार भी कहा जा रहा है।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कलेज एवं अस्पताल (एएनएमसीएच) में दो जुलाई से अब तक 33 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जिनमें से आठ बच्चों की मौत हो चुकी है। एएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ़ वी़ के. प्रसाद ने बताया कि एईएस का मामला हो सकता है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है और रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। रिपोर्ट आने के बाद इसका पता चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एईएस एक सिंड्रोम है, जिसमें बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल पहुंचने वाले बच्चों में से एक की जांच में जापानी इंसेफेलाइटिस पॉजिटिव पाया गया है। प्रसाद ने कहा कि फिलहाल अस्पताल में एईएस के 18 संदिग्ध पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें चार की हालत गंभीर बनी हुई है।