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कहते हैं कि ‘बच्चे कैसे भी हों, मां बाप के लिए लाडले ही होते हैं’। लेकिन एक घोर कलियुगी मां बाप ने इस कहावत को उल्टा कर मां की ममता और बाप का प्यार जैसे शब्दों को कलंकित कर दिया। मामला है झारखंड के धनबाद का जहां एक माँ बाप 7 दिनों की फूल सी बच्ची जिसने जन्म लेने के बाद आंखें खोलना भी नहीं सीखा था को अस्पताल में छोड़ फरार हो गए। फिर एक कहावत ‘जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होते हैं’ चरितार्थ हुई और इस फूल सी बच्ची के एक मां के बदले में कई मां मिल गयी। बच्ची ने जिस अस्पताल में जन्म लिया और जहां उसके मां बाप उसे छोड़ भागे उसी अस्पताल की कई नर्सें उसकी मां बन देखभाल कर रही हैं। धनबाद स्थित पीएमसीएच अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में फिलहाल बच्ची का इलाज चल रहा है। एनआईसीयू में कार्यरत सभी शिफ्ट की नर्सें बच्ची की पूरी शिद्दत के साथ देखभाल कर रही हैं।
नर्सों का कहना है कि बीते 14 दिनों से बच्ची का इलाज कर रही हैं। अब वे बच्ची के साथ खास लगाव महसूस करने लगी हैं। नौ जून को सात दिन की बीमार बच्ची को उसके माता-पिता पीएमसीएच लेकर आए। बच्ची की हालत को देखते हुए उसे एनआईसीयू में भर्ती कराया गयाम भर्ती होने के दो दिन बाद ही माता-पिता बच्ची को छोड़कर चले गए। अस्पताल के रजिस्टर में पिता का नाम अंजुम अंसारी और माता का नाम शमीमा खातून दर्ज है। पता गिरिडीह जिला के लूसाडीह बिरनी बताया गया है। ज्ञात हो कि अंजुम ने दो शादी की है. पहली पत्नी से तीन बेटियां हैं। वहीं, दूसरी पत्नी से भी दो बेटी है. यह उसकी छठी बेटी है। मामले की जानकारी मिलते ही बाल कल्याण समिति के सदस्य अस्पताल पहुंचकर बच्ची का हाल जाना। समिति द्वारा सरायढेला थाने की पुलिस को बच्ची के माता-पिता को हाजिर कराने के लिए कहा गया है। बाल कल्याण समिति के वरीय सदस्य पूनम सिंह ने बताया है कि बच्ची का स्वास्थ्य ठीक होते ही उसे बाल उपवन में बेहतर पालन पोषण के लिए रखा जाएगा।