
बिहार ब्रेकिंग

बाढ़ अनुमंडल के केमिस्ट समुदाय के दुकानदारों ने सोमवार को बिहार राज्य औषधि नियंत्रण के द्वारा जारी फरमान का विरोध करते हुए स्टेशन रोड स्थित वैद्यनाथ फरमा के पास से संगठित होकर एक जुलूस निकाला। इस जुलूस के प्रतिनिधि मंडल ने बाढ़ अनुमंडल मुख्यालय पहुंचकर एसडीओ से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस दौरान दुकानदारों का जत्था नारेबाजी भी करते रहे। जुलूस में शामिल हुए दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा जारी अनुज्ञप्ति धारी दुकानदारों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के नाम पर विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा शोषण और प्रताड़ित करने का सिलसिला चल रहा है। जिससे दवा दुकानदार तंग आ चुके हैं। दवा दुकान के निरीक्षण का उद्देश्य नकली और अवैध दवाओं का रोकथाम नहीं बल्कि निरीक्षण के आर में तकनीकी गलती का झांसा देकर दुकानदारों से मोटी रकम की वसूली है । सरकार इस नियम को हटाये या फिर फार्मासिस्ट की उपलब्धता हर दुकान पर करें। यह सरकार की नैतिक जिम्मेवारी है।
दुकानदारों के द्वारा हाल के दिनों में अलखनाथ रोड में बैठक कर एक रणनीति तय की गई थी उसी के मुताबिक आज जुलूस निकाला गया। 20 जुलाई से राज्य के सभी थोक विक्रेता किसी भी कंपनी से किसी भी प्रकार की दवाई की खरीदी बंद कर देंगे। ऐसी परिस्थिति में बिहार में पहले से आईसीयू में जा चुके स्वास्थ्य व्यवस्था के और अधिक संकट में आने का खतरा बढ़ गया है। सरकार की नींद अगर इस पर भी नहीं खुली तो 16 अगस्त 2019 से सभी खुदरा दुकानदार भी दवाओं की खरीद करना बंद कर देंगे और 1 सितंबर 2019 से अनिश्चितकालीन बंद का आवाहन भी पहले से दवा दुकानदारों ने कर दिया है। वही बाढ़ एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते मामले को डीएम तक पहुंचाने की बात कहते हुए दुकानदारों से यथाशीघ्र मामले को निपटाये जाने की बात कही है।