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इस साल यात्रियों को चारधाम यात्रा अनोखी और रोमांच से भरपूर होगी। दरअसल इस बार चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में कुदरत की सफेद चादर श्रद्धालुओं का स्वागत करेगी। शीतकाल में इस बार हिमालय में हुई जोरदार बर्फबारी ने चारों धामों को बर्फीला रेगिस्तान में तब्दील कर दिया है। चारों धामों के कपाट उद्घाटन में मात्र अब एक माह से भी कम समय बाकी रह गया है। 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खोले जाएंगे। 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे और अंत में 10 मई को भू वैकुंठ धाम बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
प्रशासन ने बर्फ हटाने के लिए युद्ध स्तर पर शुरू किया कार्य
मई के पहले हफ्ते में चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिला प्रशासन ने चार धाम यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा मुश्किलें केदारनाथ धाम में प्रशासन को आ रही है। यहां पर बिजली, पेयजल, संचार और आवास की सर्दियों में अत्यधिक बर्फबारी से बुरी तरह प्रभावित हो गए थे। इस समय केदारनाथ पैदल मार्ग को खोलने का कार्य किया जा रहा है। करीब 17 किमी पैदल मार्ग में रामबाडा से आगे पूरा क्षेत्र बर्फीले रेगिस्तान में बदल गया है। यहाँ पर पीडब्लूडी पैदल रास्ते से बर्फ हटाने में जुटी है। रुदप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि यात्रा शुरु होने से पहले सभी व्यवस्थाएं सुचारू कर दी जाएगी।