
मधुबनी के जयनगर में 3 लड़कों ने दी थी पनाह, लड़की ने मधुबनी में शारीरिक शोषण या दुर्व्यवहार से किया है इंकार, लड़की के पास से एक हजार रूपए भी बरामद
बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-बाढ़

नाजरेथ अस्पताल में संचालित शेल्टर होम से फरार सातवीं लड़की द्वारा अपने पिता को फोन करना लड़की को भारी पड़ गया और पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लग गई। दरअसल मोकामा शेल्टर होम से 7 लड़कियों के फरार होने के बाद गठित की गई एसआईटी ने लड़की के परिवार वालों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। एसआईटी का नेतृत्व बाढ़ की सहायक पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह कर रही थी। महिला आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह के नेतृत्व में गठित टीम के हाथों एक सुराग लगा और उसके बाद लड़की को पुलिस ने बरामद कर लिया। दरअसल मोकामा से भागने के बाद सातों लड़कियां दरभंगा गई थी। रास्ते में ही सातवीं लड़की का एक दूसरी लड़की से झगड़ा हो गया और उसने दरभंगा जाने से इंकार कर दिया। सभी 6 लड़कियां दरभंगा स्टेशन पर उतर गई थी लेकिन सातवीं लड़की ने दरभंगा स्टेशन पर उतरने से इंकार कर दिया और वह ट्रेन पर बैठे बैठे जयनगर पहुंच गई। दानापुर दरभंगा जयनगर इंटरसिटी का अंतिम पड़ाव जयनगर है और सातवीं लड़की वहीं पर सीधे पहुंच गई। जयनगर पहुंचने के बाद आस पास की झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों से उसने रहने की जगह मांगी। तीन लड़कों ने उसे रहने की जगह दे दी और लड़की वहीं पर रहने लगी। इसी दौरान उसने एक लड़के के मोबाइल फोन से अपने पिता को फोन कर दिया। लड़की के पिता का फोन पहले से ही सर्विलांस पर था। लड़की के पिता के मोबाइल पर किया गया कॉल मधुबनी के जयनगर से किया गया था। पिता को किए गए नंबर का पता चलते ही पुलिस ने उसका लोकेशन निकाला तो जयनगर में वह लोकेशन स्थाई रूप से ऑपरेट होता हुआ मिला। जयनगर में स्टैटिक लोकेशन आने के बाद ही पुलिस ने जयनगर में छापामारी की और लड़की को बरामद कर लिया। पहले मोबाइल फोन वाले लड़के को उठाया गया और तब लड़की की बरामदगी हुई और उसके बाद उन दो लड़कों को भी एक-एक कर हिरासत में लिया गया जिन्होंने उस लड़की को पनाह दी थी। जयनगर स्टेशन पर उतरने के बाद पहले एक लड़के से उसकी मुलाकात हुई जिसका बाल लाल रंग का था। उसके बाद दूसरे लड़कों से उसकी मुलाकात हुई। लड़की के पिता के फोन पर नजर रख रही पुलिस के हाथ वही मोबाइल नंबर तुरुप का इक्का साबित हुआ और इस मामले का पूरी तरह उद्भेदन हो गया।
जय नगर के ही रहने वाले हैं तीनों लड़के
बरामद की गई सातवीं लड़की के साथ हिरासत में लिए गए तीनों युवक जयनगर के ही रहने वाले हैं। हालांकि इस प्रकरण में उनका भी कोई दोष अभी तक सामने नहीं आया है। लड़की ने भी अपने साथ किसी जोर-जबर्दस्ती होने से इनकार किया है और लड़कों के ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया है। लड़के प्रथम दृष्टया दोषी नहीं पाया जा रहे हैं लेकिन पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। पुलिस ने फिलहाल लड़कों को भी क्लीन चिट नहीं दी है और गहन अनुसंधान के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकेगा। उनकी संलिप्तता के बिंदु पर पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
पुलिस की सक्रियता से आलोचकों को भी मिला जवाब
मोकामा शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने के बाद पुलिस पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। यद्यपि पुलिस की कोई भूमिका शेल्टर होम संचालन में नहीं थी लेकिन इसके बावजूद सवाल खड़े किए जा रहे थे। 6 लड़कियां बरामद होने के बावजूद सातवीं लड़की को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही थी। एएसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने इन सभी लड़कियों को बरामद कर मामले का खुलासा कर दिया है।
23 फरवरी को भागी थी 7 लड़कियां
मोकामा नाजरेथ अस्पताल स्थित बालिका सुधार गृह से 7 लड़कियां विगत 23 फरवरी को फरार हो गई थी। 23 फरवरी की देर रात फरार हुई लड़कियां 24 फरवरी की शाम को बरामद हुई थी। 6 लड़कियों की बरामदगी दरभंगा जिला के सकतपुर थाना अंतर्गत गंगौली से हुई थी। सभी लड़कियों को पटना के एक शेल्टर होम में रखा गया है। बताया जाता है कि इन सभी लड़कियों से पूछताछ चल रही है। घटना के बाद एफएसएल की टीम ने भी जांच की थी। पटना के कमिश्नर, आईजी, डीआईजी सहित अन्य अधिकारी शेल्टर होम का मौका मुआयना भी कर चुके हैं।
लड़की बोली नहीं रहना शेल्टर होम में, भेज दो घर
मोकामा शेल्टर होम से फरार हुई जिस सातवीं लड़की को बरामद किया गया है, वह शेल्टर होम में रहना ही नहीं चाह रही है। अन्य लड़कियों की तरह उसने कई बार यह कहा है कि उसे अपने घर जाना है और किसी सूरत में वह शेल्टर होम में नहीं रहेगी। लड़की अपने घर जाने की जिद पर अड़ी है लेकिन फिलहाल इस मुद्दे पर फैसला करना प्रशासन के लिए बड़ी समस्या है क्योंकि मुजफ्फरपुर से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। सात में चार लड़कियां मुजफ्फरपुर मामले से जुड़ी हैं। दो लड़कियां पीड़ित हैं और दो गवाह हैं।