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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 82 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित होने वाले मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय के भवन का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया। पटना के मीठापुर स्थित चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान प्रांगण में आयोजित शिलान्यास समारोह में मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ खालिद मिर्जा ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं पुस्तक भेंटकर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री सहित समारोह में शरीक अतिथियों ने ‘यादगार लम्हे’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात को लेकर मुझे बेहद खुशी है कि आज मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय की अपनी बिल्डिंग का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि नवम्बर 2005 में जब बिहार के लोगों ने हमें काम करने का मौका दिया तो पता चला कि मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय वर्ष 2000 के पहले से है लेकिन वह काम नहीं कर रहा है और न ही उसका नोटिफिकेशन हुआ है। उन्होंने कहा कि सही मायने में यह विश्वविद्यालय वर्ष 2008 से है। देश का यह पहला अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय है और इस विश्वविद्यालय से लोगों की बहुत बड़ी अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि जो भवन बनेगा, उसकी बिल्डिंग की डिजाइन देखने लायक होगी। इसका टेंडर हो गया है और अधिकारियों ने मुझे आश्वस्त किया है कि अगले साल 15 अगस्त से पहले विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय के अनुरूप भवन का उद्घाटन हो जाए तो हमें प्रसन्नता होगी। मेरी चाहत है कि मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी यूनिवर्सिटी ऐसा काम करे कि दूसरे राज्यों के लोग यह कहने को विवश हों कि बिहार में जब यह विश्वविद्यालय चल सकता है तो मेरे यहाँ क्यों नहीं। लोग मौलाना मजहरुल हक साहब को हमेशा याद रखें और उन्हें ठीक से समझें। उन्होंने कहा कि बिहार आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से 82 करोड़ रूपये की लागत से विश्वविद्यालय का अपना भवन बनेगा, जिसमें तीन स्ट्रक्चर होंगे। इसके अतिरिक्त लड़के एवं लड़कियों के लिये अलग-अलग हॉस्टल की मंजूरी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा दी गयी है, जिसके लिये वे धन्यवाद के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, जिसको ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने कई चीजों को रिवाइव किया है। बिहार के हर जिले में जीएनएम संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला आईटीआई, हर सब डिवीजन में एएनएम स्कूल, आईटीआई के साथ ही पाँच नए मेडिकल कॉलेज और उनमें नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इन संस्थानों के लिए जमीन और धनराशि भी उपलब्ध करा दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना मजहरुल हक साहब की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका रही है। गाँधी जी ने भी मौलाना मजहरुल हक साहब के बारे में खूब लिखा है। वर्ष 1907 में मौलाना मजहरुल हक साहब मुस्लिम लीग के अध्यक्ष थे। वर्ष 1917 में 10 अप्रैल को जब गाँधी जी पटना आये, तब वे मौलाना मजहरुल हक साहब के घर पर ही रुके थे। हालांकि उसी दिन वे मुजफ्फरपुर चले गये, जहाँ से वे फिर चम्पारण पहुंचे। उन्होंने कहा कि नवंबर 2005 में हमारी सरकार बनी और प्रारम्भ से ही हमलोगों ने शिक्षा के विकास के लिए अनेक कदम उठाये। हमने आंकलन कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, जिसे देखते हुए 22 हजार नए स्कूलों की स्थापना करायी गयी। पुराने स्कूलों में नए क्लास रूम का निमा र्ण कराने के साथ ही 3 लाख से अधिक शिक्षकों का नियोजन किया गया। इसके बाद पुनः आंकलन कराया गया तो पता चला कि सबसे अधिक महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि महादलित के बच्चो को स्कूल पहुंचाने के लिए टोला सेवक और तालिमी मरकज बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को शिक्षा स्वयं सेवकों के माध्यम से विद्यालय पहुंचाया गया, जिसका नतीजा हुआ कि अब 1 प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2008 में हमने साइकिल योजना की शुरुआत की उस समय 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार से भी कम थी, जो अब बढ़कर 9 लाख के करीब हो गई है। अब हाई स्कूल में लड़कों के बराबर लड़कियों की संख्या है। उन्होंने कहा कि इंटर के बाद आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बिहार में काफी कम थी, जिसके कारण बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 13.9 था, जबकि देश का औसत 24 प्रतिशत है। बिहार ज्ञान की भूमि रही है इसलिए हमने ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को राष्ट्रीय औसत से भी आगे 30 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए हमने सात निश्चय योजना की शुरुआत कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर से आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए 4 लाख रुपये तक की शिक्षा ऋण की व्यवस्था की है। बैंकों के ढुलमुल रवैये के कारण राज्य शिक्षा वित्त निगम बनाकर 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर शिक्षा ऋण मुहैया कराया जा रहा है ताकि उच्च शिक्षा की ओर अधिक से अधिक बच्चे आकर्षित हो सकें। इनमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। समारोह में शामिल लोगों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ाइये। उन्होंने कहा कि अगर उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में उनका ऋण भी माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले मदरसा और संस्कृत वाले लोग जुलुस निकाला करते थे, जिन्हें हमलोगों ने सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि जो षिक्षक वेतनमान में कार्यरत हैं, उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ दिया जायेगा और जो नये शिक्षक हैं, उन्हें नियोजित शिक्षकों के अनुरूप वेतन दिया जाएगा। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि पहले मदरसों की क्या स्थिति थी? जिन मदरसों को मान्यता नहीं थी, उसे मान्यता दिलाया गया। हमलोग जो कहते हैं, वो करते हैं। हमारा नजरिया काम करने का है और जब बिहार के लोगों ने हमें मौका दिया है तो हम बिहार की सेवा करने में लगे हैं क्योंकि बिहार की सेवा देश की सेवा है। गाँधी जी द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों में से दो का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धांत के बिना राजनीति और काम के बिना धन का संग्रह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाँधी जी के इन संदेशों को हम सभी सरकारी स्कूल भवनों पर लिखवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि करप्शन, क्राइम और कम्यूनिलिज्म से हम कभी कम्प्रोमाइज नहीं करेंगे।
जनता जब तक चाहेगी, हम सेवा करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कटुता और तनाव फैलाने की कोशिश हो रही है। ऐसे लोगों से हमें सचेत रहते हुए समाज में भाईचारा, सद्भाव और प्रेम का माहौल कायम करना चाहिए ताकि लोगों को विकास का पूरा लाभ मिले। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है और जो हमारा गौरवशाली अतीत है, हम गौरव की उस ऊॅचाई को हासिल करने में तभी कामयाब होंगे, जब समाज में प्रेम और भाईचारे का भाव कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय ऐसा आइडियल बने, जिसे देखकर हर सूबे में इस प्रकार की यूनिवर्सिटी बनाने की मांग जोर-शोर से होने लगे। इसके लिए जो भी प्रस्ताव लाना हो लाइए सरकार उसे पूरा करेगी। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो डॉ खालिद मिर्जा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधान पार्षद तनवीर अख्तर, बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह, बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कय्यूम अंसारी, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, खानकाह-ए-मुनीमिया के सज्जादानषीं शमीमुद्दीन मोनामी साहब एवं मौलाना मजहरूल हक के पोते बारिस अली फारूकी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, विभिन्न महाविद्यालयों एवं मदरसों के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।