
बिहार ब्रेकिंग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में विश्व शांति स्तूप, राजगीर की 50वीं जयंती एवं राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150वें जन्मशती के अवसर पर होने वाले समारोहों की तैयारी के सन्दर्भ में बैठक आयोजित की गयी। तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह में 25 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमे देश एवं देश के बाहर रहने वाले बौद्ध धर्मावलंबी और गांधी विचारक सम्मिलित होंगे। बैठक के क्रम में प्रधान सचिव पर्यटन ने राजगीर में 25 से 27 अक्टूबर तक चलने वाले समारोह से संबंधित तैयारियों एवं आयोजित होने वाले कार्यकर्मों की पूरी रूपरेखा से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। तैयारी के संदर्भ में पूरी जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व शान्ति स्तूप की 50वीं जयंती है इसलिए सड़क दुरुस्त करने के साथ ही अशोका पिलर तक जाने का रास्ता ठीक होना चाहिए ताकि लोग पूरी सहूलियत से शान्ति स्त ूप तक पहुँच सकें। उन्होंने कहा कि 1969 में विश्व शान्ति स्तूप का उदघाटन हुआ था, जिसे जापानी बौद्ध धर्मावलंबी फुजी गुरूजी ने बनवाया था। गाँधी जी के जो तीन बंदर (बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो, बुरा मत सुनो) हैं, वह फुजी गुरूजी के विचारों से ही संबंधित हैं। उस समय एक बड़ा मास कॉन्फ्रेंस हुआ था, जिसमे विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण भी शामिल हुये थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में पटना में जो कार्यक्रम आयोजित हुआ, उसमें भारी तादाद में लोग शामिल हुये थे। इसमें कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये और देश भर से आये गाँधी विचारकों एवं 95 और 98 वर्ष तक के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित भी किया गया। इस बार महत्मा गाँधी के 150वीं जन्मशती पर राजगीर में जो कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, उसका भी भव्य स्वरूप होना चाहिये। इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्मावलम्बियों के साथ ही गांधी विचारकों को आमंत्रित करें ताकि समारोह में सम्मिलित लोग गाँधी और बुद्ध के शान्ति संदेशां से अवगत होकर उसे आत्मसात कर सकें। उन्होंने कहा कि देश का पहला रोपवे राजगीर में है और मार्च तक उसके समानांतर रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 25 अक्टूबर को विश्व शान्ति स्तूप की 50वीं जयंती के बाद उसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150वें जन्मशती के मौके पर मास लेबल पर प्रोग्राम आयोजित किया जाय। इसमें पचास प्रतिषत महिलाओं की भी सहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उमड़ने वाली लोगों की भीड़ को देखते हुए कम से कम 25 से 30 एकड़ क्षेत्र की व्यवस्था होनी चाहिये, जिसमें बौद्ध धर्मावलम्बियों एवं गांधी विचारकों द्वारा व्यक्त किये गये विचारों को सुनने के लिये लोग एकत्रित हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँधी जी की 150वीं जन्मशती को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए पुलिस एकेडमी, अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के बगल में गेस्ट हाउस के लिए खाली पड़ी भूमि तथा नालंदा यूनिवर्सिटी या आईसीटीसी के लिए जो जगह है, उसका चयन किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में सोशल रिफार्म, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बिहार में चलाए जा रहे अभियान एवं गांधी जी द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों पर भी फ़ोकस करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही गृद्धकूट पर्वत को भी फ़ोकस में लाना चाहिए जहाँ 12 वर्षों तक भगवान बुद्ध ने प्रवचन दिया था।
उन्होंने कहा कि शान्ति स्तूप तक पहुँचने के लिए जो रास्ता है वहां रेलिंग बनाने की दिशा में कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि सहूलियत के साथ लोग वहां तक पहुँच सकें। अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में शान्ति का माहौल कायम हो। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजगीर के 50 से 100 किलोमीटर के रेडियस में लोगों को प्रेरित करिये। सौ में से एक दो आदमी के दिमाग में भी गॉधी जी के विचार अपना लेंगे तो यह मामूली बात नहीं होगी। बैठक में पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, गाँधी संग्रहालय के सचिव रजी अहमद, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव वन एवं पर्यावरण त्रिपुरारी शरण, प्रधान सचिव शिक्षा आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव पर्यटन रवि मनुभाई परमार, प्रधान सचिव नगर विकास चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त आर0एल0 चोंग्थू , नालंदा जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस0एम0, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की प्रबंध निद ेषक सुइनायत खान, निदेशक पर्यटन उदय कुमार सिंह, जगजीवन राम शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत सहित पर्यटन विभाग के अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।