
बिहार ब्रेकिंग

शनिवार को औरंगाबाद में नक्सली हमले के बाद सियासत एक बार फिर से गर्म होने लगा है। एकबार फिर से सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में नक्सली धमक अब भी बरकरार है? नक्सली हमले पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ‘नक्सली भी हमारे भाई हैं। बंदूक की नोक से नक्सलवाद से निपटा नहीं जा सकता। हालांकि उन्होंने माना कि नक्सलवाद खत्म करने के दिशा में सरकार ने बहुत काम किए हैं और नक्सलवाद कम भी हुआ है। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि आखिर दलित और गरीबों के बीच नक्सली बनते ही क्यों हैं, हमे इस बात की जड़ तक जाना होगा। उन्होंने नक्सली को भाई बताते हुए कहा कि अगर कोई भाई खिलाफत कर रहा है तो बड़े भाई को यह सोचना पड़ेगा कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है।
नक्सलियों को रोकने के लिए इसके मूल कारण में जाना होगा। यह भी सोचना होगा कि जब तक शिक्षा कृषि के क्षेत्र में इस समाज के लिए बेहतर काम नहीं होगा तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। वंचित तबके को शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक हिस्सेदारी की जरुरत है और इसपर गंभीरता से सोचने की जरुरत है। विदित हो कि शनिवार को नक्सली हमले में एमएलसी के चाचा की मौत हो गई वहीं कई लोग घायल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के विधि व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि अब ऐसे हालात हो गए हैं कि अपराध के चंगुल से राजनीतिक परिवार भी नहीं बच पा रहे। उन्होंने कहा कि अब नीतीश सरकार की पहचान दुष्कर्म, भ्रष्टाचार और क्राइम बन गयी है।