
बिहार ब्रेकिंग-मंजेश कुमार

आज के दिन यानि 26 नवंबर भारतीय इतिहास में एक काला दिन के नाम से जाना जाता है, जिसे भारतीय खास कर मुंबईकर नहीं भूल सकते। आज ही के दिन पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकियों ने मुंबई के अलग अलग जगहों एके 47, आरडीएक्स, आईडीई औऱ ग्रनेड जैसे खतरनाक हथियारों से लैस होकर हमला बोल दिया था और सैकडों लोगों को मौत के घाट उतारा था। इस हमले में आतंकियों ने न सिर्फ भारतीय लोगों को निशाना बनाया था बल्कि अंग्रेज, अमेरिकी समेत अन्य कई देशों के लोगों को भी निशाना बनाया था। हमले के दौरान आतंकियों ने देश के व्यस्ततम रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, देश के प्रतिष्ठित होटल ओबेरॉय और होटल ताज समेत नरीमन हाउस, कामा हॉस्पिटल और लियोपार्ड कैफ़े को निशाना बनाया था। जहां आतंकियों ने एके 47, और बम से लोगों को निशाना बनाया था।


यह हमला करीब तीन दिनों तक लगातार चला था जिसमे मुंबई पुलिस के कई जांबाज पुलिस ऑफिसर भी शहीद हुए थे वहीं एक जिंदा आतंकी अजमल कसाब (गिरफ्तार कर लिया गया था) को छोड़ कर बाकी सारे को भी सुरक्षा बल के जवानों ने मार गिराया था। हमले के दौरान देश के सबसे खतरनाक सुरक्षा बलों की टुकड़ी में रैपिड ऐक्शन फ़ोर्स, एनएसजी, मारकोस जैसे सुरक्षा संगठन के जवानों ने आतंकियों को ढेर करने में सफलता हासिल की थी। इस हमले में भारत के अलावा इंग्लैंड, अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, इटली, जापान समेत अन्य कई देशों के कुल 166 नागरिक मारे गए थे और करीब 300 घायल हुए थे, वहीं 9 आतंकी भी ढेर किये गए थे और एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा दबोचा गया था जिसे हमले के करीब डेढ़ वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार फांसी पर लटकाया गया था। जिंदा आतंकी अजमल कसाब से पूछताछ और जांच एजेंसियों के द्वारा जांच के दौरान हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े मिले थे।