
बिहार ब्रेकिंगः बिहार के सीएम नीतीश कुमार को राजनीति से सन्यास लेने की सलाह देने वाले उपेन्द्र कुशवाहा नरम पड़ते दिख रहे हैं। यह नरमी क्यों है यह तो पूरी तरह स्पष्ट नहीं है लेकिन हाल के दिनों में एनडीए के अंदर जिस तरह से नीतीश बनाम कुशवाहा या जदयू बनाम रालोसपा रहा है उससे नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच के रिश्तों में तल्खी का संदेश हीं बाहर आया है। अब यह चाहे उपेन्द्र कुशवाहा के बयान से हो या फिर उनकी पार्टी के नेता नागमणी के बयान से हो लेकिन संदेश यही गया कि उपेन्द्र कुशवाहा या रालोसपा के तेवर नीतीश कुमार को लेकर तल्ख है। फेहरिस्त लंबी है ऐसे बयानों की जो नीतीश कुमार को लेकर रालोसपा खेमे से आए हैं लेकिन अब स्थिति बदलती दिख रही है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी हीं पार्टी के नेताओं को चेताया
अब उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी रणनीति बदल दी है. उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलनेवाले अपनी पार्टी के नेताओं को ही चेता दिया है कि उनके और नीतीश कुमार के बीच में जो नेता आयेगें, बुरे फंसेगें. घसीटे जायेगें क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा के रिश्ते के बारे में जानकारी नहीं है. रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रालोसपा नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे और नीतीश के बीच में आइयेगा तो फेर में पड़ जाइएगा और आपको घसीटा जाएगा. हमेशा सोच समझकर बयान दीजिए.बुधवार को वे रवींद्र भवन में सरदार पटेल जयंती समारोह में आये उपेन्द्र कुशवाहा का ईशारा अपनी ही पार्टी के नेता नागमणि की तरफ था, ऐसा माना जा रहा है क्योंकि वहीँ रालोसपा के ऐसे नेता हैं, जो लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं. उपेन्द्र कुशवाहा की चेतावनी नागमणि को थी इसलिए भी मना जा रहा है क्योंकि पहले भी उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने और आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्देश नागमणि को दी थी. लेकिन नागमणि नहीं माने.यहीं वजह है कि रालोसपा के इस कार्यक्रम में रालोसपा नेता नागमणि को आमंत्रित तक नहीं किया गया था
