
बिहार ब्रेकिंगः एक खबर आयी है कि सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को उम्र भर जेल में रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन के उम्रकैद की सजा पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद सीवान में एक परिवार उसका मुखिया एक पिता खुश है। परिवार ऐसा जो परिवार रहा ही नहीं। पिता ऐसा जो अक्सर अपने बेटों की मौत पर आंसू बहाता नजर आता है। वो परिवार है सीवान के चंदा बाबू का परिवार। सुप्रीम कोर्ट ने भी सीवान के बहुचर्चित तेजाब कांड में शहाबुद्दीन की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.गौरतलब है कि तेजाब से नहलाकर चंदा बाबू के दो बेटों की हत्या सीवान के डॉन और चार बार सांसद रह चुके मोहम्मद शहाबुद्दीन और उसके तीन सहयोगियों ने कर दी थी.फैसला आते ही चंदा बाबू ने कहा था कि सूबे में सरकार बदली है तो हमें राहत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस केस में न्यायपालिका जिस तरह से फैसला सुना रही है और सबों को सहयोग मिल रहा है उससे मेरा भरोसा बढ़ रहा है. अपने दो बेटों को एक साथ गंवाने वाले चंदा बाबू ने कहा कि हमारे दोनों बच्चे सीवान की आजादी के लिये शहीद हुए थे और अब ऐसा लग रहा है कि मेरा सीवान सच में आजाद हो गया है.

कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि बच्चों की याद में आज भी आंखों में आंसू हैं लेकिन दुख के साथ-साथ खुशी इस बात की है कि हमें देर से ही सही न्याय और जीत दोनों मिल रही है. चंदा ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि अब किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब सीवान में दबंग की ताकत नहीं चलने वाली सीवान निर्भिक हो कर रहेगा.सोमवार को इस मामले की सुनवाई होते ही चीफ जस्टिस रंजग गोगोई की पीठ ने महज कुछ मिनटों में ही शहाबुद्दीन की याचिका खारिज कर दी. जैसे ही वकील ने कुछ कहना चाहा पीठ ने पूछा. शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही देने जा रहे राजीवन रौशन को क्यों मार दिया? उसके मर्डर के पीछे कौन था? कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार के मुखिया चंदा बाबू का फिर से न्यायालय पर भरोसा बढ़ गया होगा. अपने बेटे को गंवाने वाले चंदा बाबू केस की शुरूआत से ही न्यायालय के फैसले पर विश्वास जताते आ रहे हैं.