
बिहार ब्रेकिंगः अंदाज वही चिर परिचत है लालू यादव वाला, स्वभाव वही अक्खड़ है लालू यादव वाला, मिजाज भी वही है लालू यादव वाला लेकिन वे लालू के उतराधिकारी नहीं है। बात तेजप्रताप यादव की हो रही है जो लालू यादव के बड़े बेटे हैं। 2015 में हीं यह तय हो गया था कि लालू की विरासत छोटे बेटे तेजस्वी यादव संभालेंगें जब लालू ने महागठबंधन की सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनवाया। दावा किया जाता रहा कि पार्टी और परिवार में सबकुछ ठीक है लेकिन यह सवाल वाकई सवाल हीं रहा कि क्या वाकई सबकुछ ठीक है। जवाब कई मौकों पर मिले जो यह था कि नहीं पार्टी और परिवार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है। विरासत में मिली सियासत से तेजस्वी यादव का कद बड़ा हो रहा था तो दूसरी तरफ कई मौकों पर अपनी कथित उपेक्षा से तेजप्रताप की नाराजगी भी बढ़ रही थी। नाराजगी कह लें या दर्द कह लें लेकिन कुछ मौकों पर इसे तेजप्रताप यादव ने खुलकर जाहिर कर दिया।

कयास लगने लगे कि परिवार में विरासत को लेकर जंग छिड़ी है हांलाकि खुद तेजप्रताप ने बाद में इसका खंडन भी किया सबकुछ ठीक है। हाल के दिनों मे मीसा भारती के उस बयान से भी सियासत गरमा गयी जिसमें उन्होंने कथित रूप से यह स्वीकार किया कि भाईयों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। हांलाकि बाद में मीसा भारती ने सफाई दी कि बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर दिया। अब तेजप्रताप यादव ने साफ कर दिया है कि अब वो विरासत वाली सियासत नहीं करेंगे बल्कि खालिस सियासत करेंगे। बिहार की राजनीति को बाॅय-बाॅय करते हुए तेजप्रताप ने संकेत दिया है कि उन्होंने अपनी राजनीतिक लड़ाई के लिए बड़ा मैदान चुना है। संभव है कि वो लोकसभा का चुनाव लड़ें और केन्द्र की सियासत करें।
क्या कहा तेजप्रताप यादव ने?
विवार को मोतिहारी में एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप यादव ने खुले मंच से एलान कर दिया कि वह आगे बिहार की राजनीति नहीं करेंगे. तेजप्रताप ने कहा कि उनका छोटा भाई तेजस्वी ‘अर्जुन’ की भूमिका में है और उसे हस्तिनापुर का सिंहासन सौंपकर वह आगे दूसरी जगह की राजनीति करेंगे. तेजप्रताप यादव ने अपने इस एलान से साफ कर दिया कि वह लोकसभा का अगला चुनाव लड़ेंगें और केंद्र की राजनीती में जायेंगे. दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद जब महागठबंधन की सरकार बनी उसी वक्त लालू यादव ने प्रत्यक्ष तौर पर छोटे बेटे तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. सरकार में तेजस्वी को नम्बर 2 की जगह देते हुए डिप्टी सीएम बनाया गया. तेजप्रताप को इसके बाद ही एहसास हो गया था कि पिता लालू प्रसाद की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी छोटा भाई तेजस्वी ही रहेगा. यही वजह रही तेज सार्वजनिक मंचों पर कई दफे छोटे भाई की ताजपोशी करते दिखे. लेकिन बावजूद इसके तेजप्रताप का दर्द कई मौकों पर सामने भी निकलकर आया. तेज ने अपनी पीड़ा भी बयां की और बाद में उसपर पर्दा भी डाला.