
पटना: बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा कराए जा रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग लागतार प्रक्रिया को अंजाम देने में लगा हुआ है। चुनाव आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण के अब तक के आंकड़े जारी किया है। जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में करीब 55 लाख मतदाताओं का नाम कटना तय है। एक जानकारी के अनुसार करीब एक लाख मतदाता का कोई सुराग ही नहीं मिल पाया है जबकि अन्य मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है या वे कहीं और शिफ्ट हो गए हैं।

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार 23 जुलाई तक 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 98.01 प्रतिशत मतदाताओं को कवर कर लिया गया है। इसके तहत करीब 55 लाख मतदाताओं के नाम कटना तय है। इनमें 20 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है तो 28 लाख मतदाता स्थाई रूप से कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं जबकि 7 लाख मतदाताओं का नाम एक से अधिक जगहों पर है।
बता दें कि बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य 24 जून से शुरू हुआ था जो कि 25 जुलाई तक चलेगा। इस कार्य को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष साजिश के तहत गरीब तबके के लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगा रहा है तो चुनाव आयोग एक भी वैध मतदाता का नाम नहीं काटने का दावा कर रहा है।