
सीबीआई कोर्ट ने बैंक धोखाधड़ी मामले में तीन आरोपियों, जिनमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के दो तत्कालीन प्रबंधक और एक निजी व्यक्ति शामिल हैं, को तीन वर्ष के सश्रम कारावास और कुल 4 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई
बिहार ब्रेकिंग डेस्क

पटना की सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को तीन आरोपी मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के दरभंगा के कहुआ के तत्कालीन प्रबंधक बारुन कुमार मिश्रा, मधुबनी के बहेरा शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक मोहन जी मिश्रा और एक निजी व्यक्ति दयानंद झा को बैंक धोखाधड़ी मामले में 3 वर्ष के सश्रम कारावास (आरआई) और कुल 4 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले को वर्ष 1991 में 14 अगस्त को मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के तत्कालीन प्रभारी बारुन कुमार मिश्रा और एक फील्ड अधिकारी, मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (एमकेजीबी) कहुआ शाखा के खिलाफ दर्ज किया था। यह आरोप था कि उक्त आरोपी व्यक्तियों ने 1989-90 के दौरान शाखा अधिकारी और फील्ड अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए आपराधिक साजिश रची और उक्त साजिश के तहत उन्होंने दयानंद झा, पुत्र शारदानंद झा, दरभंगा के नाम पर दिखाए गए एचएसएस खाता संख्या 1114 में डेबिट और क्रेडिट प्रविष्टियों में हेरफेर करके 2,48,642 रुपये की राशि का गबन किया। जांच के बाद सीबीआई ने 30.11.1994 को गबन के विभिन्न मामलों के लिए दो अलग-अलग आरोप-पत्र दाखिल किए।
पहला आरोप-पत्र पटना के विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामलों के सम्मानित न्यायालय में बारुन कुमार मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी अधिकारी, मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (एमकेजीबी) कहुआ शाखा, मोहन जी मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी अधिकारी, मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (एमकेजीबी) बहेरा शाखा और दयानंद झा, एक निजी व्यक्ति के खिलाफ दाखिल किया गया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें तदनुसार सजा सुनाई। दूसरा आरोप-पत्र पटना के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई मामलों के सम्मानित न्यायालय में बारुन कुमार मिश्रा, तत्कालीन प्रभारी अधिकारी, मिथिला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (एमकेजीबी) कहुआ शाखा के खिलाफ दाखिल किया गया, जो मुजफ्फरपुर न्यायालय में विचाराधीन है।