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पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव सलोनी राज ने आज एक अहम मुद्दे को उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से राज्य बोर्ड के छात्रों के साथ हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार पर तुरंत संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने इस संबंध में कुलपति महोदय को एक औपचारिक पत्र सौंपा है जिसमें नामांकन प्रक्रिया में संशोधन की मांग की गई है।
उनका कहना है कि वर्तमान मेरिट-बेस्ड नामांकन प्रक्रिया में केवल अंकों के आधार पर निर्णय लिया जा रहा है, जिससे बिहार राज्य बोर्ड के छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। संसाधनों की कमी और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद ये छात्र कड़ी मेहनत करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना संजोते हैं, जो इस प्रक्रिया में टूटता नजर आ रहा है।
सलोनी राज ने अपने पत्र में प्रमुख रूप से दो मांगें रखी हैं:
1. राज्य बोर्ड के छात्रों को ध्यान में रखते हुए एंट्रेस के आधार पर नामांकन हो
2. नामांकन प्रक्रिया में विविधता और समता को प्राथमिकता दी जाए।
विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक परंपरा और सामाजिक न्याय की भावना का हवाला देते हुए कहा है कि यह नई व्यवस्था विश्वविद्यालय की मूल आत्मा के खिलाफ है। सलोनी राज ने कहा, “छात्रों का विश्वास बनाए रखना इस संस्थान की जिम्मेदारी है, और इस जिम्मेदारी से पीछे हटना इस विश्वविद्यालय के गौरव को ठेस पहुंचाएगा। हमें उम्मीद है कि प्रशासन समय रहते इस विषय में सकारात्मक कदम उठाएगा।” महासचिव सलोनी राज ने चेतावनी दी है कि यदि इस विषय में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो छात्र समुदाय को साथ लेकर आंदोलनात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।