
बिहार डेस्क-प्रदीप-बांका
बाँका शहर के करहरिया और जगतपुर मोहल्ले में बंगला सभ्यता के अनुसार आज से पुजा पाठ का आरंभ हो गया। आज नियम और आस्था के साथ उन सभी दुर्गा मंदिर मंडप में बोध नवमी में कलश स्थापना हुई जहाँ बंगला पञ्चाङ्ग औऱ वहाँ के सभ्यता के अनुरूप पूजा अर्चना होती है जिससे प्रत्येक जगह भक्तिमय माहौल बना हुआ है। बाँका जिले की अगर बात की जाय तो अक्सर सभी जगहों पर बंगला पञ्चांग की पद्धति से हीं माँ दुर्गा की पुजा होती है। कुल मिलाकर बाँका सदर में माँ दुर्गा की 4 मंडप है लेकिन बंगला सभ्यता और वहाँ के रीतिरिवाज के अनुसार करहरिया जो लगभग 120 वर्ष पुराना मंदिर है एवं जगतपुर मोहल्ले का नाम उभर के जुबान पर आता है।

बोधन कलश यात्रा की शुरुआत करहरिया मोहल्ले के रास्ते होकर चांदन नदी तट तक पहुंचा। कलश स्थापना को लेकर चांदन नदी के रास्ते लोगो में काफी उत्साह देखने को मिल रहा था। परंपरा व संस्कृति के अनुसार आज सात कौड़ीयां को लुटायी जाती है। मान्यता है कि आज के दिन सभी भक्तजनों को कौड़ियों को लूटना चाहिए। कलश स्थापना में पंडित चन्द्र शेखर चटर्जी, झालो ठाकुर, अनन्त कुमार मित्रा, शंभु प्रसाद दास, उज्ज्वल मित्रा, अमित कुमार चंद्रशेखर, पारितोष कुमार झा, बाल किशोर घोष, उत्तम मित्रा, रवि मित्रा एवं अजय झा आदि उपस्थित थे।