
राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह सह मिलन समारोह का किया आयोजन। जदयू के पूर्व विधानपरिषद रामेश्वर कुमार महतो ने थामा राष्ट्रीय लोक मोर्चा का दामन, उपेन्द्र कुशवाहा ने सदस्यता ग्रहण कराई।
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गुरुवार को पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के द्वारा भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101 वीं जयंती समारोह सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान जदयू के पूर्व विधानपरिषद रामेश्वर कुमार महतो ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा की उपस्थिति में राष्ट्रीय लोक मोर्चा का दामन थाम लिया। महतो के नेतृत्व में मुख्य रूप से सुनीता कुमारी, मधुरेंद्र कुशवाहा, रघुनाथ कुशवाहा, पप्पू प्रवीण, अख्तर अली समेत सैकड़ों लोग भी राष्ट्रीय लोक मोर्चा में शामिल हो गए। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत उपेन्द्र कुशवाहा ने दीप प्रज्वलन कर किया. वहीं कर्पूरी ठाकुर और सुभाष चंद्र बोस के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा की रामेश्वर कुमार महतो ने पार्टी में शामिल होने का निर्णय बहुत पहले लिया था मगर किन्हीं कारणों से तारीख आगे बढ़ रही थी। आज एक अच्छा संजोग भी है की जहां हम महामानव जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह मना रहे हैं वही रामेश्वर को पार्टी में स्वागत करने का भी हमारे लिए अवसर है। साथ हीं इनके साथ जो भी लोग पार्टी की सदस्यता के रहे हैं सभी का हृदय से स्वागत है। आप सब लोग के आने से पार्टी को ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि रामेश्वर महतो ने पार्टी छोड़ने का उसी वक्त फैसला कर लिया था जब हमलोगों ने जनता दल यूनाइटेड से नाता तोड़ने का फैसला ले लिया था। राष्ट्रीय लोक मोर्चा बनाने की जब पृष्ठभूमि तैयार हुई उस पृष्ठभूमि के निर्माण में रामेश्वर महतो की भूमिका थी। देर से ही सही मगर इन्होंने अच्छा कदम उठाया है। उसके लिए इनको धन्यवाद देते हैं।
उन्होंने कहा कि यह कहने में हमें कोई हिचक नहीं है कि उस वक्त हमारी कोशिश जदयू को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था। क्योंकि बिहार के राजनीत में जनता ने जो दायित्व जदयू को दिया था उसे दायित्व से मुंह मोड़ कर अलग रास्ते पर चलने का निर्णय ले लिया था। वे उसी रास्ते पर चल पड़े थे जिस रास्ते से अलग होकर बिहार की जनता ने जदयू को अपनाया था। वह रास्ता गलत रास्ता था। वह बिहार को अंधकार में धकेलने का रास्ता था। बिहार को फिर से बर्बादी पर ले जाने का रास्ता था। और उसका हम लोगों ने विरोध किया था और उसे समय हम लोग के सहयोग में रामेश्वर भी थे तब जाकर हमने राष्ट्रीय लोक मोर्चा का नींव रखा था।
उन्होंने कहा कि जब हमलोग अलग हुए तो लगातार हमने हर संभव कोशिश की कि नीतीश कुमार जी फिर से इस रास्ते पर आ जाएं। और आज हमें खुशी है कि राजद से नाता तोड़कर जेडीयू फिर से इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी हुई है। और जब जेडीयू एनडीए गठबंधन में शामिल हो गई तब हमने उस समय के विचार पर विराम लगाया। अब उसकी जरूरत नहीं है। आज हम लोग सब एक साथ हैं और आज हम लोगों का एक ही मकसद है, एक हीं रास्ता है। उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड का नुकसान करना अब हमारा मिशन नहीं है। लेकिन उस वक्त यह मिशन था। उस वक्त अगर हम लोग इस मिशन पर काम नहीं किए होते तो शायद आज बिहार का बहुत बड़ा नुकसान हो गया होता।
पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामेश्वर कुमार महतो ने कहा कि भारत रत्न मिलने के बाद हम पहली बार कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे है। इस महान विभूति को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र में मंत्री रहते हुए उपेन्द्र कुशवाहा देश के पहले शख्स है जिन्होंने कॉलेजियम सिस्टम के बारे में बात किया था। उनका यह बात संसद में रखना जोखिम भरा था मगर उन्होंने जोखिम उठाया। आज उनकी बात रंग लाई और सरकार ने उस पर कमेटी बनाई और उसे पर काम हो रहा है और उस से बदलाव होना तय है। जब कुशवाहा के भाषणों को सुनता था तो मुझे लगता था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिद्धांतों पर चलने वाले बिहार में एक मात्र नेता उपेन्द्र कुशवाहा जी हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में भी शिक्षा में सुधार, जन जन का अधिकार का इन्होंने नारा दिया। मानव श्रृंखला लगाई। इन सभी चीजों से मैं प्रभावित हुआ। आज आम लोगों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की जरूरत है। मुफ्त में कुछ भी देने की जरूरत नहीं है। अच्छी शिक्षा से लोग कमा लेंगे और अच्छे स्वास्थ से मेहनत कर लेंगे। महतो ने कहा कि पिछले कुछ समय से बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने त्रिवेणी संघ का जिक्र करते हुए कहा कि त्रिवेणी संघ में मुख्य रूप पिछड़े समाज से तीन जातियां यादव, कुर्मी और कुशवाहा थी। हमने बिहार में यादव की राज भी देखी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते है उनकी भी 20 साल राज देखी, और उन 20 साल को आगे बढ़ाने के लिए कुशवाहा समाज का बेटा उपेन्द्र कुशवाहा की बिहार की राजनीत में आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि हमने बहुत वर्षों तक उनके साथ काम किया है। उनका आशीर्वाद हमेशा बेटा की तरह मिलता रहा है। पार्टी छोड़ने का कारण जो भी हो मगर नीतीश कुमार मेरे पिता तुल्य हैं। उनके लिए हृदय में जगह है। उनके प्रति आदर है। हम थे उनके है, रहेंगे भी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी एवं संचालन प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा ने क्या। धन्यवाद ज्ञापन आर के सिन्हा ने किया। इस मौके पर बिहार के तमाम जिलाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य के अलावा हजारों की संख्या में कार्यकर्ता एवं समर्थक मौजूद थे।