
लालू प्रसाद से बड़ा कोई लुटेरा नहीं, भ्रष्टाचार के ईर्द-गिर्द धुमती रही है लालू की राजनीति- सम्राट। कोई ऐसा सगा-सम्बंधी नहीं जिससे कोई लाभ पहुंचाने के बदले लालू ने जमीन नहीं ली। बिहार की बर्बादी का लालू प्रसाद सबसे बड़ा गुनाहगार, बेटा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए रचते रहे हैं षड़यंत्र।
बिहार ब्रेकिंग डेस्क

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद से बड़ा कोई लुटेरा नहीं है। लालू प्रसाद की पूरी राजनीति भ्रष्टाचार के ईर्द-गिर्द ही घूमती रही है। अपने सगे-सम्बंधियों तक को टिकट देने व अन्य लाभ पहुंचाने के एवज में लालू प्रसाद ने जमीन ली हैं। प्राइवेट लिमिटेड के तर्ज पर पार्टी चलाने वाले लालू प्रसाद ने चुनावों में टिकट बेचकर कई सौ करोड़ वसूले हैं।
चौधरी ने कहा कि यूपीए-1 में रेलमंत्री बनने के बाद जहां उन्होंने रेलवे के दो होटलों को लीज पर देने के बदले पटना के सगुना मोड़ के पास कोचर बंधुओं से साढ़े तीन एकड़ जमीन हथिया ली, जहां उनके दोनों बेटे बिहार का ‘बिगेस्ट मॉल’ बनवा रहे थे, वहीं रेलवे में नौकरी देने के लिए बीपीएल हृद्यानंद चौधरी और ललन चौधरी से पत्नी, बेटे और बेटियों के नाम पर जमीन लिखवा ली। राकेश रंजन और मो शमीम को एमएलसी बनाने के लिए उनसे पटना में कीमती जमीनें अपने परिजनों के नाम और ली। लालू प्रसाद थोड़े दिन पहले तक बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तरह-तरह से षड़यंत्र करते रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि बिहार के लोग आज भी नहीं भूले हैं कि जब चारा घोटाला में लालू प्रसाद को जेल जाने की नौबत आई तो किस तरह से उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया और बाद के दिनों में वर्षों तक वे जेल से सरकार चलाते रहे। लालू प्रसाद की नजर में विकास का मतलब केवल अपने परिवार को आगे बढ़ाना रहा है। गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले लालू प्रसाद ने भ्रष्टाचार के जरिए अपने परिवार की अमीरी बढ़ाई और अकूत बेनामी सम्पत्ति का अम्बार खड़ा किया। बिहार के गरीबों, पिछड़ों से लालू प्रसाद का कभी कोई सरोकार नहीं रहा।
बेटे-बेटियों को राजनीति में स्थापित करने के लिए लालू प्रसाद ने बिहार को बर्बाद किया। राजद के 15 वर्षों के शासनकाल में लालू प्रसाद ने दोनों हाथों से केवल बिहार को लूटा है। विकासहीनता की बिहार में ऐसी स्थिति थी कि देश में ही नहीं पूरी दुनिया में बिहार और बिहार के रहने वाले उपहास के पात्र बने। बिहार के लोग दूसरे प्रदेशों में अपनी पहचान छुपाते थे। लालू प्रसाद और उनके परिवार को बिहार की जनता कभी माफ करने वाली नहीं है।