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जल शक्ति अभियान ‘Catch the Rain’ अंतर्गत बिहार के दो जिले पूर्वी चंपारण और गया को राष्ट्रपति के द्वारा मंगलवार को सम्मानित किया गया। इस अभियान के तहत पूर्वी चंपारण को जल शक्ति अभियान के ‘Catch the Rain’ अंतर्गत तृतीय राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में पूर्वी क्षेत्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ जिला के रूप में पुरस्कृत किया गया जबकि गया जिला के नीमचक बथानी प्रखंड अंतर्गत तेलारी ग्राम पंचायत को पूर्वी क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत के रूप में पुरस्कृत किया गया। मंगलवार को नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक एवं गया के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एम एस को पुरस्कृत किया।
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जल शक्ति अभियान ‘Catch the Rain’ के तहत पूर्वी चंपारण में जल संरक्षण तथा भूजल स्तर में वृद्धि हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले में कुल 535 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया वहीं पोखर, आहर एवं पइनों के जीर्णोद्धार के कुल 1636 जल संरचनाओं पर काम किया गया। ‘प्रत्येक ग्राम में एक तालाब’ के अंतर्गत 315 तालाबो का सौंदर्यीकरण, मोतिहारी झील में वाटर स्पोर्ट्स की शुरुआत, 290 सरकारी इमारतों पर छत-वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, 1071 कुओं का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकलों के पास सोक-पिट बनाये गए एवं कुल 1632 खेत पोखर एवं 3 चेक डैम बनाये गए। जीविका, मनरेगा एवं वन विभाग के द्वारा विगत दो वर्षों में 29 लाख पौधरोपण किया गया। इन समेकित प्रयासों से पूर्वी चंपारण जिले में भूजल का स्तर में दो से तीन फीट की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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वहीं गया जिला के नीमचक बथानी प्रखंड अंतर्गत तेलारी पंचायत में राज्य सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सघन कार्यक्रम चलाया गया एवं इसके तहत 450 फीट लंबे, 35 फीट चौड़े एवं 3 फीट गहरे सारणी के माध्यम से वर्षा के जल को 93 फ़ीट गहरे रिचार्ज बोरवेल तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत इस पंचायत में प्रतिवर्ष करीब 45 लाख लीटर वर्षा जल को भूगर्भ में पहुंचाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जल का उपयोग मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों के पटवन में उपयोग किया जाता है। मनरेगा के तहत जल संचयन कार्य के साथ ही मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे रोजगार भी मिल रहा है।