
बिहार ब्रेकिंग

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित जमीनी बातें सीरीज-2 का शुभारंभ शनिवार को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित बिहार निवास के प्रांगण में दीप जलाकर किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उदघाटन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय में संयुक्त सचिव राहुल सिंह, नई दिल्ली में स्थानिक आयुक्त पलका साहनी एवं भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह के अलावे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि बिहार के लोग देश के कोने-कोने में रहते हैं। दिल्ली-एनसीआर में ही बिहार के लाखों लोग रह रहे हैं। उन्हें विभाग द्वारा शुरू किए गए कामों की ठीक से जानकारी नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हाल के वर्षों में कई क्रांतिकारी काम किया है। कई तरह की ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। भूमि सर्वेक्षण का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसके बारे में भी लोगों को जानना चाहिए। जन-भागीदारी के बगैर सरकार की कोई भी योजना ठीक से क्रियान्वित नहीं की जा सकती। इसीलिए बिहार से बाहर रहनेवाले बिहारी भाई बहनो के लिए हमने यह कार्यक्रम शुरू किया है। मंत्री ने समारोह में आए लोगों से अपने भूमि विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि पहले आप अपना घर संभालिए फिर किसी को दोष दीजिए। बड़े-बड़े लोग अपने घर का झगड़ा नहीं सुलझा पाते हैं और सरकार को दोष देते हैं। सरकार तभी आपकी मदद करेगी जब जमीन के मामले मे आप आम सहमति बना लेंगे। नहीं तो इसका फायदा दलाल उठाएगा। संपत्ति आपकी है तो उसे संभालने की जिम्मेदारी भी तो आपकी ही होगी। सरकार ने कई सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। सबके लिए समय सीमा निर्धारित है। समय सीमा के भीतर अगर आपका काम नहीं होता है तो आप मुझे सीधे फोन कर सकते हैं।
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राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि बहुत जल्दी बिहार में अमीन और कर्मचारी का जवाईंट कैडर बन जाएगा। इसके साथ ही दोनों की जिम्मेदारी भी तय करने पर विभाग गंभीरता से काम कर रहा है। अभी तक यह देखा गया है कि अमीन किसी एक पक्ष से प्रभावित होकर सही मापी नहीं करता है। कर्मचारी जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर साफ बच जाता है। दोनों को आनेवाले समय में अपने किए के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा। इसीलिए दोनों का स्टेट कैडर बनाया जा रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने संपरिवर्तन शुल्क को ज्यादा बताते हुए उसे कम करने का भरोसा दिया।
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कार्यक्रम में भाग लेने आए एक रैयत की मांग पर मंत्रीजी ने कहा कि बिहार में संपरिवर्तन शुल्क एमवीआर का 10 फीसदी है। कृषि भूमि का अगर गैर कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो उसे संपरिवर्तन कराना पड़ता है। आमतौर पर सड़क किनारे की भूमि का व्यवसायिक इस्तेमाल होता है। खासकर स्कूल, कॉलेज, गोदाम, गैरेज, मैरेज हॉल आदि के लिए लोग कृषि भूमि का गैर कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसे कम किया जाएगा ताकि लोग आगे बढ़कर इस काम को करें और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो। मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में विभाग द्वारा हजारों लोगों की बहाली की गई है। भूमि सर्वेक्षण के काम में ही 5 हजार के करीब अमीन, कानूनगो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं लिपिक की संविदा के आधार पर बहाली गई है। इसके अतिरिक्त विभाग ने 487 संविदा अमीनों को इसी साल अप्रैल माह से अंचलों में मापी के काम में लगाया है। अभी एक हफ्ते पहले ही बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 1764 नियमित अमीन की अनुशंसा प्राप्त हुई है। दिसंबर तक 4453 राजस्व कर्मचारी की बहाली भी हो जानी है। साथ ही 566 राजस्व अधिकारी भी बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित होकर विभाग में आ चुके हैं। इस तरह विभाग में कर्मचारियों की कमी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।
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कार्यक्रम में भाग लेनेवालो लोगों के लिए एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किय गया। क्विज में सामान्य जानकारी, बिहार के बारे में सामान्य जानकारी और बिहार की जमीन से संबंधित सामान्य प्रश्न पूछे गए थे। क्विज में प्रतिभागियों ने जोड़े में हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों से 25 प्रश्न पूछे गए और विजेताओं को नकद इनाम के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। प्रतियोगिता के विजेता संयुक्त रूप से दीपक तनेजा और अभिषेक कुमार मिश्रा रहे। जबकि रनर अप आकाश वर्मा और अभिषेक पालीवाल घोषित किए गए। द्वितीय रनर अप शशांक त्यागी और शांतनु शर्मा घोषित किए गए। विजेता को 25 हजार, रनर अप को 21 हजार और सेकेंड रनर अप को 15 हजार की राशि चेक के जरिए दी गई। पुरस्कार राशि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार, अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया।
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कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर की आम जनता ने भी हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में लोगों ने मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों के सामने अपनी समस्याओं को रखा। दर्शकों द्वारा दिल्ली में विभाग द्वारा एक सूचना केन्द्र स्थापित करने की मांग की ताकि यहां रह रहे लोग अपनी शिकायत वहां दर्ज करा सकें और वांछित सूचना प्राप्त कर सकें। कुछ लोगों ने सर्वे और चकबंदी से संबंधित सवाल पूछे। कई लोगों ने शिकायत की जब वो बिहार में अपने अंचल में कर्मचारी के पास काम कराने जाते हैं तो उनसे पैसे की मांग की जाती है। बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता। एक बुजुर्ग प्रतिभागी ने कहा कि विभाग ने राजस्व दस्तावेजों का जो कंप्यूटराइजेशन कराया है उसमें 50 फीसदी कंप्टूटराइजेशन गलत है। गलती को ठीक कराने के लिए हमें उसी कर्मचारी के पास जाना पड़ता है जिसने गलती की होती है। कर्मचारियों का रवैया ठीक नहीं है। आमलोग अपना फीडबैक विभाग को कैसे दें, इसकी भी विभाग व्यवस्था करे। कुछ लोगों ने कहा कि मंत्री और अपर मुख्य सचिव से मिलना आसान है लेकिन कर्मचारी ने मिलना मुश्किल।
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इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि जमींदारी व्यवस्था होने के कारण बिहार में ऐतिहासिक रूप से जमीन से संबंधित दस्तावेजों की स्थिति ठीक नहीं है। हमने अभियान चलाकर इसे दुरूस्त करने की कोशिश की है। दस्तावेजों का कंप्यूटराइजेशन किया गया है। अब उसके आधार पर लोगों को मामूली शुल्क लेकर दस्तावेज उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। विभाग ने ऑनलाइन सेवाओं के तहत दाखिल-खारिज, लगान और एलपीसी को लाया है। जमाबंदी पंजी और और अपने गांव का नक्शा भी ऑनलाइन देखने की सुविधा लोगों को उपलब्ध करा दी गई है। भूमि सर्वेक्षण में भी स्वघोषणा और वंशावली ऑनलाइन जमा किया जा सकता है एवं एलपीएम भी ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इन सेवाओं के बारे में लोगों को जानकारी हो वो इसका लाभ उठा सकें इसीलिए जमीनी बातें का आयोजन दिल्ली में किया गया है।