
बिहार डेस्कः आरक्षण को लेकर पूरे देश में यह बहस छिड़ी हुई है कि आरक्षण किसे मिलना चाहिए। कई बार सियासी गलियारों से यह बयान भी निकलकर सामने आ जाते हैं कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण को लेकर दिये गये हर बयान से देश की राजनीति में उबाल आता रहा है। वैसे इन दिनों आरक्षण को लेकर पूरे देश में बवाल है। बिहार, हरियाणा और राजस्थान में आरक्षण की यह आग ज्यादा सुलगी हुई है। मौसम चुनावी है इसलिए यह मुद्दा सियासत की सबसे पौष्टिक खुराक है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी खूब होती रही है। अब कांग्रेस का एक बयान सामने आया है जिसमें उसने गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की वकालत की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता और बिहार कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी का साफ कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। सवर्णों में भी कई लोग आर्थिक आधार पर कमजोर हैं। उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। कांग्रेस का शुरू से आरक्षण को लेकर बड़ा साफ दृष्टिकोण है। किसी भी जाति के कमजोर लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए। सवर्णों में भी जो लोग दबे-कुचले हैं, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कौकब कादरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संघर्ष करती है। वो सभी को लेकर चलती है। भाजपा आरक्षण को लेकर राजनीति कर रही है। बीजेपी ने सवर्णों का वोट लेने के लिए खूब वायदे किए लेकिन सरकार में आने के बाद उन्हें दरकिनार कर दिया गया। बीजेपी की कथनी और करनी में काफी फर्क है। कांग्रेस पार्टी शुरू से सबको साथ लेकर चलती है।

भारत बंद के दौरान थम गया बिहार
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ भारत बंद का व्यापक असर रहा। अगर बिहार की बात करें तो पूरा बिहार थम गया।बंद समर्थकों ने पटना के साथ वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, भोजपुर, सीवान, बक्सर, जहानाबाद, गया, नवादा, नालंदा, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर में कई स्थानों पर सड़क जाम कर यातायात को बाधित किया.
आरक्षण पर क्या बोली जदयू
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि देश के अंदर विभिन्न राज्यों में जो कृषि उत्पादक समूह है उन्हें लागत के अनुरूप उसका मूल्य नहीं मिल रहा है इसलिए चाहे गुजरात में पटेल समुदाय हो या हरियाणा में जाट समुदाय हो या फिर राजस्थान हो सब जगह से आरक्षण की मांग उठती रही है। उन्होंने कहा कि देश का पहला राज्य है बिहार जहां शैक्षणिक उन्नयन के लिए सवर्ण छात्रों को अन्य कोटी के छात्रों की तरह छात्रवृति दी। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से आच्छादित किया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि देश के अंदर विमर्श की जरूरत है कि इस तरह की स्थिति क्यों पैदा हुई है। किसी भी कीमत पर साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान न पहुंचे इसलिए इस पर राष्ट्रीय विमर्श की जरूरत है।