
बिहार ब्रेकिंग

आज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 01 मारवाड़ी महाविद्यालय द्वारा प्राचार्य डॉ.(प्रो.) के.सी.झा के अध्यक्षता में एक दिवसीय ऑनलाइन संगोष्ठी कार्यक्रम किया गया। “कमिटी टो क्विट”थीम पर आधारित इस वर्ष के विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्राचार्य सभी स्वयंसेवकों, शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहां है कि आज हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि तंबाकू, सिगरेट, गुटखा आदि हमारे इम्यूनिटी को कमजोर बना रहे हैं। इसके सेवन से कैंसर, ब्लड क्लोटिंग फंगस इंफेक्शन जैसी कई गंभीर बीमारी हो रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने परिवार आसपास रह रहे लोगों को सेवन करने वाले लोगों को इसके नुकसान से रूबरू कराए एवं इसके नहीं सेवन का अनुरोध करें।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
इस अवसर पर स्वयंसेविका शानू प्रिया ने धूम्रपान पर लगे प्रतिबंध विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे दिवस के रूप में मनाने एवं समाज के ऐसे लोगों जो कि तंबाकू का सेवन करते हैं उन्हें इसे छोड़ने की अपील की। स्वयंसेवक विशाल कुमार, मानस, संजय कुमार ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ आशीष कुमार मिश्रा ने तंबाकू एवं इससे होने वाले नुकसान पर दुनियाभर में होने वाले शोध का जिक्र किया और कहा कि तंबाकू के सेवन से होने वाले बीमारियों की वजह से हर पांच में से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि आज के समय में मिले विभिन्न आंकड़े के अनुसार इसके शिकार सबसे ज्यादा युवा लोग हो रहे हैं। यही कारण है कि धूम्रपान के सेवन करने वाले लोगों की समस्या के अनुसार भारत दूसरे स्थान पर है और ने विराम ज्यादातर लोग इसके गिरफ्त में आने के पश्चात कैंसर जैसी भयानक बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं जिसका की इलाज भी बहुत महंगी है।
हमसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, सिग्नल और टेलीग्राम पर यहां क्लिक कर जुड़ें
महाविद्यालय के शिक्षक/शिक्षिका डॉक्टर स्वस्तिका दास, डॉक्टर कमला पाड़ी, श्री चितरंजन कुमार आदि शामिल हुए। वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों में मृत्युंजय कुमार सूरज कुमार रोशन जायसवाल प्रियंका प्रिया अंकित राज अंकित कुमार खुशनुमा मानस जी अपराजिता जैसे लगभग तीन दर्जन स्वयंसेवक एवं सेविकाएं शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ आशीष कुमार मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ स्वस्तिका दास द्वारा किया गया। सभी स्वयंसेवकों शिक्षकों को यूजीसी द्वारा प्रदत्त शपथ भी दिलाया गया। कई स्वयंसेवकों ने पोस्टर के माध्यम से इसे सोशल मीडिया एवं समाज के बीच फैलाने का प्रण लिया।