
बिहार ब्रेकिंग

भारत में कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़ों पर न्यूयॉर्क टाइम्स में हाल में प्रकाशित खबर को ”पूरी तरह आधारहीन बताकर” बृहस्पतिवार को खारिज किया और कहा कि उसकी सत्यता साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि खबर पूरी तरह से झूठ है और ”मनगढंत अनुमान” पर आधारित है।
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अखबार में प्रकाशित उक्त खबर का शीर्षक है ‘जस्ट हाउ बिग कुड इंडियाज ट्रू कोविड टोल बी’ (भारत में कोविड-19 मौतों का सही आंकड़ा कुछ इतना होगा)। खबर में अनुमान लगाया गया है कि बेहद कम होने पर भी भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 6,00,000 (छह लाख) लोगों की मौत हुई होगी, अगर सामान्य अनुमान लगाएं तो मरने वालों की संख्या 16 लाख होगी और अगर हालात बहुत ज्यादा खराब हों तो संक्रमण से मरने वालों की संख्या करीब 42 लाख होने की आशंका है।
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खबर को खारिज करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ”यह पूरी तरह आधारहीन और झूठ है और उसे साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है।” उन्होंने कहा, ”यह सवाल ही नहीं उठता है कि शुरुआत से ही कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या छिपायी जा रही है, हमारी कोशिश रही है कि संक्रमण के सभी मामलों और उससे होने वाली मौत के मामलों को पारदर्शी तरीके से पेश किया जाए। यह भी आवश्यक है कि हम समझें कि संक्रमण किस रास्ते आगे बढ़ेगा और उससे निपटने के लिए क्या कदम उठाने की जरुरत है ताकि उचित कदम उठाया जा सके।”
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने कहा कि खबर मनगढ़ंत अनुमान पर आधारित है। उन्होंने कहा, ”बिना किसी आधार के यूंही अनुमान लगाया गया है… खबर में बताए गए आंकड़े किसी भी देश में कुल संक्रमित मामलों में सबसे ज्यादा संख्या पर आधारित हैं।” उन्होंने कहा कि विश्लेषण में समस्या तब पैदा होती है जब ”संक्रमण के मुकाबले एक तय संख्या को मृत्यु दर मान लिया जाता है।” पॉल ने कहा, ”अगर हम अपने सीरो सर्वेक्षण के आधार पर देखें तो संक्रमण से जुड़ी मृत्युदर 0.05 प्रतिशत और वास्तविक मृत्यु दर 1.1 प्रतिशत है… वे लोग संक्रमित लोगों में 0.3 प्रतिशत मृत्यु दर की बात कर रहे हैं जो 6 गुना है, इसका कोई आधार नहीं है।” उन्होंने कहा कि अगर अनुमान लगाने की इसी प्रक्रिया का उपयोग किया जाए तो फिर न्यूयॉर्क में सिर्फ मई महीने में 50,000 लोगों की मौत हुई होगी। पॉल ने कहा, ”अगर मैं इसे छह गुना करके देखूं तो मरने वालों की संख्या 90,000 और अगर मैं इसे 12 गुना करुं तो यह 1.75 लाख होगी, लेकिन उनका कहना है कि यह संख्या 16,000 है। मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि यह मनगढ़ंत मृत्युदर है। संक्रमण के अनुमान के लिए उन्होंने सिर्फ जनवरी के हमारे आंकड़ों का उपयोग किया है, जो फिर भी स्वीकार्य है।