
सेंट्रल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहाद मुसलिमिन (एआईएमआईएम) की राजनीतिक दल के रुप में मान्यता रद्द करने की मांग करनेवाली एक याचिका दर्ज की गई है। याचिका में कहा गया है कि आरपी अधिनियम की धारा 123 धार्मिक अपील करके वोट मांगने पर रोक लगाती है।आज इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किेए जाने की बात चर्चा में चल रही थी लेकिन याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट में ही होगी।
शिवसेना नेता ने दर्ज की है याचिका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले को अगले हफ्ते उठाने का समय तय किया है। याचिका में आगे उल्लेख किया गया है कि यदि एआईएमआईएम की नींव सांप्रदायिक है, तो यह धर्मनिरपेक्ष नहीं रह सकती है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का उल्लंघन करने के लिए बाध्य है।बता दें कि याचिका तेलंगाना के शिवसेना के नेता टीएन मुरारी ने दर्ज की है। याचिका में कहा गया है कि एआईएमआईएम धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों को नहीं मानती है।
एआईएमआईएम धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ हैद्य इसलिए उनकी बतौर राजनीतिक दल मान्यता रद्द की जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि किसी भी पार्टी का रजिस्ट्रेशन करते समय निर्वाचन आयोग उसके पदाधिकारियों से इस बात का हलफनामा लेता है कि वे देश के संवैधानिक मूल्यों का पालन करेंगे।
