
नीतीश कुमार के शासनकाल में अल्पसंख्यक एवं दलित समुदाय के लोग ज्यादा सबल हुए – अशोक चौधरी

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बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले पंद्रह वर्षों के शासनकाल में लंबे समय से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से उपेक्षित अनूसूचित जाति-जनजाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सबल बनाया। अशोक चौधरी आज वर्चुअल सम्मेलन के तीसरे दिन अतरी, चेनारी, सासाराम एवं दिनारा विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। अशोक चौधरी ने कहा कि इस प्रदेश दलितों की रहनुमाई की बात करने वाली पार्टी के पंद्रह वर्षों के सरकार में अनूसूचित जाति एवं जनजाति विभाग भी नहीं था, वर्ष 2007 में नीतीश कुमार ने इस विभाग का निर्माण किया और इस समुदाय पर खर्च होने वाले बजट को 40 करोड़ से 38 गुना बढाकर 1725 करोड़ तक पहुँचाया और लंबे समय से हाशिये पर रहे इस समाज को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया।
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अशोक चौधरी ने कहा कि एक दल इस प्रदेश में है जिसके नेता अपने आपको अल्पसंख्यकों का रहनुमा बनने का दावा करते हैं लेकिन उनके राजपाट में अल्पसंख्यकों के लिए बजट मात्र 3 करोड़ था जिसको माननीय मुख्यमंत्री ने 532 करोड़ तक पहुँचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की हमेशा ये सोच रही है कि जब तक इस प्रदेश में दलितों, अल्पसंख्यकों एवं अति पिछड़ा समुदाय के लोग जिनकी आबादी सर्वाधिक है उनको आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से समाज की मुख्य धारा में नहीं लाया जायेगा तब तक इस प्रदेश का सर्वागीण विकास संभव नही हैं। इसलिए नीतीश कुमार ने अपने शासन में आने के बाद पंचायती राज चुनाव में अति पिछड़ा, महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की और जिसके फलस्वरूप आज इस समुदाय के अधिकतर लोग मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद, सरपंच पदों पर काबिज हुए हैं और आने वाले 10 वर्षों में और अधिक मुखर होकर विधानसभा और लोकसभा का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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अशोक चौधरी ने कार्यकर्ताओं को ये आह्वान किया कि इन बातों को इन समुदाय के लोगों खासकर जो इस समुदाय के मतदाता जो पहली बार मतदान करेंगे उनको बतायें क्योंकि आज जिनकी उम्र 18 वर्ष की है वह नीतीश जी के शासन से पहले 2-3 साल के रहे होंगे इसलिए उन्हें अभी के शासन और पूर्व के शासन में फर्क नहीं पता है।