

बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का हर संभव प्रयास नीतीश कुमार जी ने अपने पिछले पंद्रह वर्षों के शासनकाल में किया। ये बात बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने वर्चुअल सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा।अशोक चौधरी आज वर्चुअल सम्मेलन के दूसरे दिन संदेश, बड़हारा, अगिआँव और आरा विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। अशोक चौधरी ने कहा कि जो नेता दूरदर्शी होता है वह अपने जनता के लिए योजनाओं का निर्माण करता है, उसके लिए बजट का प्रावधान करता है और उस योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का काम करता है और यही काम नीतीश कुमार जी ने किया है। आज से पंद्रह वर्ष पहले जहाँ पूरे प्रदेश का बजट 24000 करोड़ था वहीं आज इन्होंने अपने शासनकाल में शिक्षा विभाग के बजट को 35000 करोड़ कर दिया। पिछले पंद्रह वर्ष में लगभग 21264 नए प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण, लगभग 277403 अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण, E-Class की शुरुआत की। पंचायतों में टोला सेवक एवं तालिमी मर्कज की बहाली की जिसके कारण पहले इस प्रदेश में 12.5% बच्चे विद्यालयों से बाहर थे उनकी संख्या अब मात्र 1% बची है।
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अशोक चौधरी ने कहा कि पहले के शासनकाल में राज्य में चरवाहा विद्यालय की स्थापना की गई थी जबकि नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में इस प्रदेश में आईआईटी, बीआईटी, एनआईटी, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त मैनेजमेन्ट संस्थान, चाण्क्य विधि विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की। सीमांचल इलाकों में मदरसों की संख्या अधिक होने के कारण पूर्णियाँ में मदरसा के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना की। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश की वैसी आबादी जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है और वो चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा लें उनके सपनों को साकार करने के लिए स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की और उसके सहयोग से आज समाज के कमजोर वर्ग के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ले पा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र में चुनाव एक आवश्यक प्रक्रिया है और हर चुनाव में सरकार को अपने काम काज का हिसाब जनता को देना पड़ता है और आगामी चुनाव अगर कोरोना के प्रकोप के साथ में होता है तो आप सभी कार्यकर्ताओं की ये जवाबदेही बनती है कि आप अपने-अपने बूथ के लोगों को विगत पंद्रह वर्ष के नीतीश कुमार के कामकाज को विस्तार से बतायें ।