
बिहार ब्रेकिंग-रंजन कुमार-शेखपुरा

शेखपुरा जिला में कानून की हिफाजत के साथ 7 लाख की आबादी को सुरक्षा की जबाबदेही अपने कंधों पर उठाते पुलिस के जवान अजीब किस्म की मुसीबत से जूझ रहे हैं। जिला के पुलिस जवानों की यह मुसीबत आज की नई नहीं बल्कि पिछले दो दशक से अधिक समय से इसका सामना कर रहे हैं। बरसात के मौसम में यह मुसीबत सबसे अधिक पीड़ा देती है। जवानों की यह मुसीबत पुलिस लाइन के जर्जर भवन की है। शेखपुरा का पुलिस लाइन 25 वर्षों के विस्कोमान के जर्जर चारा कारख़ाना में चल रहा है।
पुलिस लाइन का अपना भवन बनाने का कई बार राज्य मुख्यालय से प्रयास हुआ। मगर हर बार कोई न कोई पेंच फंस जाता है। पिछले साल मटोखर में पुलिस लाइन का काम शुरू भी हुआ,मगर बीते 7 महीनों में इसका एक पीलर भी गाड़ा नहीं जा सका है। अब पुराने पुलिस लाइन का हाल यह है कि जवानों को सांप-बिच्छुओं से बचने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। पुलिस मेंस एसोसिएशन एक अध्यक्ष अवध स्नेही बताते हैं पुलिस लाइन में रहने वालों जवानों की सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। बैरक के शेड से पानी चूता है। आस-पास के झाड़-जंगल से सांप-बिच्छू बैरक में घुस जाते हैं। पिछले एक सप्ताह में दो बार ऐसी घटना हो चुकी है। जवानों को अपने बेड के ऊपर प्लास्टिक तान कर रहना पड़ता है। सांप-बिच्छू से बचने के लिए जवानों को रातजगा करना पड़ता है।