

आजकल सोशल मीडिया लोगों के दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। आजकल लोगों खास कर युवा वर्गों में सोशल मीडिया का क्रेज हद से अधिक देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया के इस क्रेज और जानकारी के अभाव की वजह से अक्सर लोग जालसाजी के भी शिकार हो जाते हैं। सोशल मीडिया में लोगों के क्रेज को देखते हुए जालसाजी करने वाले भी अपना दिमाग लगाने से नहीं चूक रहे हैं। जालसाजों के साजिश में फंस कर अक्सर लोग नुकसान उठाते देखे जा रहे हैं। लेकिन बिहार में जालसाजी का खेल कुछ ज्यादा ही हाई प्रोफाइल हो गया। जालसाजों ने बिहार पुलिस के मुखिया का ही फर्जी एकाउंट बना डाला। हालांकि इस बात की भनक पुलिस को जल्दी ही लग गई लेकिन तब तक जालसाजों के द्वारा बनाये गए एकाउंट से एक ही दिन में करीब दस हजार लोग जुड़ गए। हालांकि पुलिस को भनक लगते ही जालसाज ने भी एकाउंट डिलीट कर बचने की कोशिश की है लेकिन फिर भी पुलिस पटना के शास्त्रीनगर थाना में मामला दर्ज कर जालसाज की खोज में जुट गई है।
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फेक अकाउंट बनाने वाला शख्स डीजीपी के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेजता था। इसी क्रम में एक एसटीएफ अधिकारी को इस बात की खबर लगी। चूंकि, डीजीपी खुद किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं भेजते इसलिए शक और गहरा हो गया। आपको बता दें कि पुलिस की छानबीन की खबर उस जालसाज तक भी पहुंच गई। जिसके बाद जालसाज ने फर्जी अकाउंट डिलीट कर दिया। पटना पुलिस ने फेसबुक से जालसाज का ब्यौरा मांगा है। इस मामले से डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बेहद नाराज हैं।
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गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि जालसाज ने एक ही दिन में 10 हजार लोगों को उस फर्जी एकाउंट से जोड़ लिया था। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही सोशल मीडिया के लगातार हो रहे दुरुपयोग पर भी डीजीपी ने नाराजगी जाहिर की। डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये हेट पोस्ट डालनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने बताया कि शनिवार की सुबह ही औरंगाबाद में एक हेट पोस्ट डालनेवाले शख्स को गिरफ्तार किया गया है।