
सेंट्रल डेस्कः अब आखों से कमजोर व्यक्ति भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे और मरीजों का उपचार भी कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में इसकी अनुमति दे दी है।शीर्ष अदालत ने छात्र को इस आधार पर अनुमति दी है कि उसने 2018 राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) अक्षम लोगों के वर्ग में पास की है।जस्टिस अरुण मिश्रा एवं जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि याची ने यदि अक्षम लोगों के वर्ग में अपनी मेधा के अनुसार परीक्षा पास की है तो उसे एमबीबीएस कोर्स में नामांकन से वंचित नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में याची नामांकन के योग्य पाया गया है। उसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में ही नामांकन दिया जाना चाहिए।
