
. पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब स्टेट लैजिस्लेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिस क्वालीफिकेशन) एक्ट, 1952 में कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों को स्वीकृति दे दी। इससे विधायकों के लिए ‘लाभ के पद’ की और कई नई श्रेणियां भी अपने पास रखने का रास्ता साफ हो गया है। इन संशोधनों के साथ विधायकों को लाभ के पदों के कई और मामलों में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकेगा। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन संशोधनों का उद्देश्य वर्तमान समय के प्रशासनिक उलझनों को दूर करना है। इसके लिए नया सेक्शन-1 ए शामिल किया गया है। इसमें ‘ज़रूरी भत्ते’ ‘संवैधानिक संस्था’ और ‘असंवैधानिक’ को परिभाषित किया गया है। इस एक्ट की धारा-2 के तहत लाभ के पद की और श्रेणियों को शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि ऐसा बोर्ड, कार्पोरेशन और अन्य पदों पर चहेते विधायकों को एडजस्ट करने के लिए किया गया है।
