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उत्तरी-पूर्वी दिल्ली जिले में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 170 से ज्यादा लोग घायल हैंम इनमें 56 पुलिसकर्मी बताए जा रहे हैं। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दंगाग्रस्त इलाकों में फ्लैग मार्च किया लेकिन इसके बाद भी उपद्रवी नहीं माने और उन्होंने कई इलाकों में आगजनी की और पथराव किया। दिल्ली पुलिस ने रात होते हाते इलाकों में गश्त तेज कर दी और लोगों को घरों रहने की अपील की। दिल्ली पुलिस के एसीपी ने यमुना विहार के नूर ए इलाही चौक पर लाउडस्पीकर से ऐलान किया, ‘आप लोग अनावश्यक रूप से सड़कों पर ना आए। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश है। आप लोग घरों में रहें। सड़क पर आकर पथराव ना करें और मजमा इकट्ठा ना करें।’
बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में अभी भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार (25 फरवरी) सुबह भी हिंसा व पत्थरबाजी की कई छिटपुट वारदातें होती रही। पुलिस ने जानकारी दी है कि दिल्ली में सोमवार से हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत 10 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक महीने (24 फरवरी से 24 मार्च) के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी आदि इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है। हालांकि इन क्षेत्रों के कई अंदरूनी इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की वारदातें अभी भी हो रही हैं। मंगलवार (25 फरवरी) सुबह मौजपुर के समीप ब्रह्मपुरी इलाके में उपद्रवी भीड़ ने एक बार फिर पथराव किया। छोटे-छोटे गुटों में बंटे उपद्रवियों के ये समूह पुलिस व कुछ अन्य लोगों पर पथराव करते दिखे। हिंसा की छिटपुट घटनाएं जाफराबाद, मौजपुर और बाबरपुर के अंदरूनी हिस्सों में भी सामने आई हैं।