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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा घटने के बजाय और बढ़ती जा रही है। इस कानून के विरोध को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में बवाल हो रहा है। इन राज्यों में असम की स्थिति सबसे ज्यादा बिगड़ी है। राज्य के कई इलाकों में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा. वहीं राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी इस कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
असम में सेना और असम राईफल्स की 8 टुकड़ियां तैनात
असम में इस कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए राजधानी गुवाहाटी के अलावा मोरीगांव, सोनितपुर और डिब्रूगढ़ में सेना और असम राइफल्स की आठ टुकड़ियां तैनात की गयी हैं। हर टुकड़ी में करीब 70 जवान होते हैं। प्रदर्शनकारियों के हिंसा पर उतर जाने के बाद 11 दिसंबर को सेना बुलाई गई थी।असम अपने इतिहास में सबसे हिंसक दौरों में एक से गुजर रहा है। वहां रेलवे स्टेशन, कुछ डाकघर, बैंक, बस टर्मिनल और कई अन्य सार्वजनिक संपत्तियां जला दी गयी हैं।
‘गोलीबारी’ में मारे गए ईसाई लड़के को लोगों ने बताया शहीद
वहीं, गोवहाटी में प्रदर्शन के दौरान कथित गोलीबारी में जान गवाने वाले 17 साल के ईसाई लड़के को दफनाने के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कुछ स्थानीय लोग उसे ‘शहीद’ बता रहे थे। हाटीगांव में रहने वाला सैफ स्टेफोर्ड लतासिल मैदान से लौट रहा था और उस दौरान नामगढ़ के पास उसे ‘गोली लगी’ जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। स्टेफोर्ड के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि चार पहिया गाड़ी पर आए कुछ लोगों ने देर शाम नामगढ़ में लोगों के समूह पर गोलीबारी कर दी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों में लगाई आग
वहीं, पश्चिम बंगाल में बिल के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों और राजमार्गो पर धरना दिया, जिससे ट्रेन सेवाएं और वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडंगा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारी स्टेशन मास्टर के केबिन में घुस गए, टिकट काउंटर पर लूटपाट की, उसके बाद आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर भी जलाए और कुछ वाहनों को भी क्षति पहुंचाई।
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी किया प्रदर्शन
दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के छात्रों ने कल कानून के विरोध में जुलूस निकाला और संसद की तरफ बढ़ने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के विरोध को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। सूत्रों ने कहा कि भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर पथराव किया, जिस पर आंसूगैस के गोले छोड़े गए। इसमें कुछ छात्र भी घायल हुए। बवाल के बीच करीब 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, छात्रों ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसूगैस का इस्तेमाल बिना किसी उकसावे के किया गया।