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भारत में चुनाव नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए मशहूर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का निधन हो गया है। रविवार को 86 साल की उम्र में शेषन का निधन हो गया। शेषन को उनके कड़े रुख के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव किसी को नहीं बख्शा। बता दें कि वो पहले चुनाव आयुक्त थे जिन्होंने बिहार में पहली बार 4 चरणों में चुनाव करवाया था। इस दौरान चारों बार चुनाव की तारीखें बदली गईं। बता दें कि इस दौरान लालू ने रैलियों में उनके खिलाफ खूब बयानबाजी की लेकिन शेषन उनकी बातों से कहां डरने वाले थे। उन्होंने कई चुनाव रद्द करवाए और बिहार में बूथ कैप्चरिंग रोकने के लिए सेंट्रल पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया। जानकारी के मुताबिक ये बिहार के इतिहास का सबसे लंबा चुनाव था।
शेषन देश के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। चुनाव आयुक्त बनने से पहले शेषन ने कई मंत्रालयों में काम किया और जहां भी गए उस मंत्री और मंत्रालय की छवि सुधर गई। 1990 में मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद शेषन का डायलॉग ‘आई ईट पॉलिटिशियंस फॉर ब्रेकफास्ट’ काफी चर्चा में रहा। शेषन अपने 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनके पिता पेशे से वकील थे। उनका जन्म केरल के ब्राह्मण कुल में हुआ था। आईएएस की परीक्षा में टॉप करने वाले टीएन शेषन नौकरशाह के पद पर रहते हुए कैबिनेट सचिव के पद पर पहुंचे। बता दें कि शेषन पहले एपीएस की परीक्षा में टॉपर रहे, उसके बाद उन्हेंने अगले साल 1954 में 21 साल की उम्र में आईएएस की परीक्षा में टॉपर रहे थे। टीएन शेषन तमिलनाडु कैडर से 1955 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वो भारत के 10वें चुनाव आयुक्त बने थे। उन्होंने 2 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाला। वे हिंदी, अंग्रेजी के अलावा तमिल, मलयालम, संस्कृत, कन्नड़, मराठी, गुजराती में दक्ष थे।