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मुंगेर जेल में बंद अंगूठा छाप कैदियों को साक्षर करने की पहल मंडल कारा में शुरू किया गया। इसके तहत जेल में बंद कैदियों को साक्षर करने के लिए हर दिन दो घंटे का क्लास चलाया जा रहा है। कैदियों को साक्षर करने की जिम्मेदारी जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी विजय यादव को दी गयी है जो कैदियों को साक्षर करने में लगे हुए हैं। दरअसल मुुंगेर जेल में दर्जनों अनपढ़ कैदी है। जो पढ़ाई-लिखाई बात दूर है, हस्ताक्षर भी नहीं करना जानते हैं। ऐसे अंगूठा छाप कैदियों को साक्षर बनाने के लिए पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है। जेल में बंद 30 कैदियों का नामांकन लिया गया है, जो अनपढ़ हैं। ऐसे कैदियों की सूची तैयार कर उसे शिक्षित करने के लिए पढ़ाने की व्यवस्था की गयी है।
इसके लिए प्रतिदिन अपराह्न 2 बजे से अपराह्न 4 बजे तक क्लास चलाया जा रहा है। जेल में बंद सजा बार बंदी विजय यादव द्वारा कैदियों को साक्षर किया जा रहा है। जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को ना सिर्फ हस्ताक्षर करना सिखाया जा रहा है। बल्कि वर्णमाला की भी पूरी जानकारी दी जा रही है। ताकि वह अपने काम की चीज को आसानी से पढ़ सके। इतना ही नहीं उन्हें गिनती भी सिखाया जा रहा है। वही जिलाधिकारी राजेश मीणा ने बताया की जेल आईजी ने निर्देश दिया है कि जेल में जितने भी अनपढ़ और अंगूठा छाप बंदी है, उसे साक्षर किया जाए। इसके लिए जेल अधीक्षक से कहा गया कि वो जेल में बंद अंगूठा छाप कैदियों की पहचान कर सूची तैयार करें और उन्हें साक्षर बनने के लिए प्रेरित करें। अनपढ़ कैदियों को साक्षर बनाने के लिए जेल के अंदर ही उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है, ताकि जेल से बाहर निकलने पर कैदी साक्षर रहें।