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जमुई शहर का सीबीएसई मान्यता प्राप्त प्रसिद्ध निजी शैक्षणिक संस्थान ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल (ओपीएस) ने विद्यालय परिसर में समारोहपुर्वक “पृथ्वी दिवस” (अर्थ डे) मनाया। निदेशक डॉ मनोज कुमार सिंहा ने दीप प्रज्वलित कर कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जबकि मौके पर सचिव कुसुम सिंहा, प्राचार्य ऋतुराज सिंहा, उप प्राचार्य शिवांगी शरण, बबिना, कुमारी प्रेमलता, समरीन सुल्ताना, कुणाल आदि लोग उपस्थित थे। विद्वान शिक्षक आरिब इरशाद ने परंपरागत तरीके से कार्यक्रम का संचालन किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रशासक नीरज सिंहा के द्वारा संपन्न हुआ।
ओपीएस की छात्रा आयुष्मणि, नंदनी, माही, अमृता, साक्षी, एंजेलिका आदि ने मौके पर विभिन्न प्रकार के पोस्टर और संदेश के जरिये पृथ्वी दिवस के महत्व को परिभाषित किया और इसे विनाश से बचाने की अपील की। विद्यालय प्रबंधन ने प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। इस अवसर पर स्कूली कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह को रोचकता प्रदान की। अभिभावक, प्रबुद्धजन एवं विद्यालय परिवार कार्यक्रम के गवाह बने और पृथ्वी को संरक्षित रखने का संकल्प लिया। निदेशक डॉ सिंहा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि धरा को संरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम अमरीका में सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 22 अप्रैल 1970 को पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर पृथ्वी दिवस मनाया। कालक्रम में विश्व के 192 देश 22 अप्रैल को प्रतिवर्ष पृथ्वी दिवस मनाने लगे। डॉ सिंहा ने आगे कहा कि पर्यावरण संरक्षण से ही धरा का संरक्षण संभव है। उनहोंने पृथ्वी पर निवास करने वाले तमाम जीव – जंतुओं और पेड़ – पौधों को संरक्षित किए जाने का संदेश देते हुए कहा कि इसके जरिये ही हम पृथ्वी को विनाश से बचा सकते हैं। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार के समारोह से बच्चों का क्षमतावर्धन होता है। प्राचार्य ऋतुराज सिंहा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पृथ्वी से ही जीवन संभव है।
उन्होंने अन्न, जल, वायु, खनिज, देशी दवा आदि का उत्पादक पृथ्वी को बताते हुए कहा कि इसे चिरायु बनाकर ही हम स्वस्थ और दीर्घायु रह सकते हैं। उप प्राचार्य शिवांगी शरण ने पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में को संबोधित करते हुए कहा कि धरती मेरी माता तुल्य है। हमें इसे कतई क्षय नहीं होने देना है।
उन्होंने मौके पर कहा कि आज धरती माता को “ग्लोबल वार्मिंग” से खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है पृथ्वी के तापमान में वृद्घि और इसके परिणाम स्वरुप मौसम में होने वाला असहज परिवर्तन। उन्होंने इसे पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के लिए विश्व के वैज्ञानिकों को आगे आना होगा। शरण ने पृथ्वी दिवस के मौके पर धरती माता को विनाश होने से बचाने की अपील की। सचिव कुसुम सिंहा, नीरज सिंहा, बबिना, प्रेमलता आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और पृथ्वी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।