
पटनाः आंध्र प्रदेश और बंगाल की मछलियों की बिक्री पर लगे रोक को स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार के द्वारा हटा दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश और बंगाल की मछली के नमूनों की जांच की गई थी। जांच में जो रिपोर्ट आई वह यह दर्शाता था कि मछली खाने योग्य नहीं है। इस जांच के बाद बिहार में आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मछलियों की पटना में बिक्री पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गई थी। वही मछली पर रोक लगने के बाद मछली कारोबारी के तरफ से कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। कारोबारियों के अनुसार मछली के बिक्री पर रोक लगने के बाद मछली कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा था।

इस वजह से लगी थी रोक
आंध प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मछलियों को पशुपालन विभाग ने कोलकाता की लैब में जांच कराया था। जांच में मछलियों में हानिकारक फॉर्मेलिन मिला था। इसके बाद पशुपालन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को रोक लगाने के लिए अनुशंसा की थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने रोक लगाई थी। बता दे कि मछलियों को ताजा रखने के लिए कारोबारी फॉर्मेलिन का लेप लगा देते थे। यह लेप आमतौर पर डेडबॉडी को सुरक्षित रखने के लिए लगाया जाता है। इसके खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है।